समाज सुधारक की भूमिका
Tuesday 18 April 2017
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समाज सुधारक की भूमिका
किसी भी समाज में विविध और विभिन्न प्रकार के लोग रहते है; वे विभिन्न धर्म, जाति,रंग, लिंग और विभिन्न विश्वासों को मानने वाले हो सकते है। और उनसे यह उम्मीद की जाती है कि वे समाज से सामंजस्य बिठाएँ और बिना किसी भेदभाव के साथ रहे; आदर्श स्थिति तो तब मानी जाएगी जब समाज के सभी वर्गों में बराबरी, आजादी और भाईचारा हो।
हालाँकि, पूरी दुनिया का मानव समाज यह दिखाता है कि कई तरह के शोषणकारी कृत्य व्याप्त है हर जगह; यह शोषणकारी सोच समाज में मानव की सर्वोच्चता, सत्ता और शक्ति की लालच में जन्म लेती है; जैसे तथाकथित उच्च वर्ग के लोग तथाकथित निम्न वर्ग के लोगों का शोषण करेंगे; श्वेत अश्वेतों का शोषण करेगें; पुरुष महिलाओं का शोषण करेगें; एक धर्म को मानने वाला दूसरे धर्म को कमजोर या गलत बताता है और अपने धर्म को श्रेष्ठ बताता है आदि। ये भेद-भाव और शोषणकारी कृत्य लंबे समय के लिये सामाजिक बुराई का रुप ले लेता है और किसी भी सभ्य समाज के चेहरे पर धब्बे के समान हो जाता है। हर देश के उसके इतिहास में, कई सारे ऐसे चमकदार व्यक्तित्व होते है जो समाज के दबे-कुचले लोगों की प्रगति के लिये जीते और कार्य करते है। और उनके इन्हीं सार्थक प्रयासों से जातियता, सती प्रथा जैसे उच्च स्तर पर फैली सामाजिक बुराईयों को समाप्त करना मुमकिन हो पाया है।
इस लेख में हम भारत के महान समाज सुधारकों के बारे में पढ़ेंगे; इसके साथ ही हम लोग ये भी जानने का प्रयास करेंगे कि सामाजिक बुराई और इसके कारक क्या है; और कौन सामाजिक सुधारक आदि है।
समाज सुधारक कौन है? वो व्यक्ति जो मानवता और इंसानियत के प्रति किसी भी प्रकार से चिंतित हो; जो अच्छाई के लिये माहौल में बदलाव लाना चाहता हो; एक व्यक्ति जिसके पास प्रबुद्ध वैचारिक प्रक्रिया हो; वो व्यक्ति जो किसी कमजोर वर्ग के लोगों की पीड़ा को सहन नहीं कर सकता; और ऊपर दिये गये सभी व्यक्ति जो उनकी सेवा को अपना कर्तव्य मानते है तथा अपने बाद एक ऐसी धरती छोड़ना चाहते है जो पहले से बेहतर हो। वास्तव में एक समाज सुधारक एक आम इंसान होता है जो असाधारण तरीके से मानवता की सेवा करना चाहता है।
भारत सौभाग्यशाली है की कि उसके इतिहास में कई असाधारण इंसान हुए जिन्होंने अपना पूरा जीवन समाज की बेहतरी और दबे-कुचलें वर्ग के लोगों को ऊपर उठाने में लगा दिया। उनमें से कुछ आपके सामने प्रस्तुत है:
राजा राम मोहन रॉय, ईश्वर चन्द्र विद्यासागर, स्वामी विवेकानंद, महात्मा गाँधी, डॉ भीम राव अंबेडकर, ज्योतिबा फुले, एनी बेसेंट, मदर टेरेसा, विनोबा भावे आदि। आधुनिक भारत बनाने के लिये हम इन असाधारण पुरुष और महिला समाज सुधारकों के जीवन और उनके कार्यों को देखेंगे और इनके प्रयासों का सराहना करेंगे।
श्याम कोलारे
चारगांव प्रह्लाद , छिंदवाड़ा
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