-->
हिंदू धर्म में कुल 5 खूटे

हिंदू धर्म में कुल 5 खूटे

यादव शक्ति पत्रिका ने हिंदू धर्म में कुल 5 खूंटों का जिक्र किया है। आप लोग भी पढ़िए क्या हैं हिंदू धर्म के 5 खूंटे.

👭 जिनसे ब्राह्मणों ने सभी दलितों और पिछड़ों को बांध रखा है..

👥 हिन्दू धर्म(ब्राह्मण धर्म) का खूॅटा--*

(१) 😡 *पहला खूॅटा-ब्राह्मण:-*-
हिन्दू धर्म में ब्राह्मम जन्मजात श्रेष्ठ है चाहे चरित्रसे वह कितना भी खराब क्यों न हो।
हिन्दू धर्म में उसके बिना कोई भी मांगलिक कार्य हो ही नहींसकता।

किसी का विवाह करना हो तो दिन तारीख बताएगा ब्राह्मण।
किसी को नया घर बनाना हो तो भूमिपूजन करायेगा ब्राह्मण।
किसी के घर बच्चा पैदा हो तो नाम- राशि बतायेगा ब्राह्मण।
किसी की मृत्यु हो जाय तो क्रियाकर्म करायेगा, भोज खायेगा ब्राह्मण।
बिना ब्राह्मण से पूछे
हिन्दू हिलने की स्थिति में नहीं है।
इतनी मानसिक गुलामी में जी रहे हिन्दू से विवेक की कोई बात करने पर वह सुनने को भी तैयार नहीं होता।
पिछडों /एससीके आरक्षण का विरोध करता है ब्राह्मण।
पिछड़ों /एससी की शिक्षा,रोजगार,सम्मान का विरोध करता है ब्राह्मण।
इतना के बावजूद भी वह पिछड़ों /एससी का प्रिय और अनिवार्य बना हुआ है क्यों? घोर आश्चर्य।
हिन्दू ब्राह्मण रूपी खूॅटा से बॅधा हुआ है।

(२)😡 दूसरा खूॅटा ब्राह्मण शास्त्र:

यह जहरीले साॅप की तरह हिन्दू समाज के लिए जानलेवा है।
मनुस्मृति जहरीली पुस्तक है।
वेद ,पुराण ,रामायण आदि में भेद-भाव ,ऊॅच-नीच, छूत- अछूत का वर्णन मनुष्य- मनुष्य में किया गया है।
ब्रह्मा के मुख से ब्राह्मण,
भुजा से क्षत्रिय,
जंघा से वैश्य ,
पैर से शूद्र की उत्पत्ति बताकर शोषण -दमन की व्यवस्था शास्त्रों में की गयी है।
हिन्दू-शास्त्रों मे स्त्री को गिरवी रखा जा सकता है,
बेचा जा सकता है,
उधार भी दिया जा सकता है।
हिन्दू समाज इन
शास्त्रों से संचालित होता रहा है।

(३) 😡 तीसरा खूॅटा-हिन्दू धर्म के पर्व/त्योहार:

इसका मतलब आर्यों द्वारा इस देश के एससी/पिछड़ों (मूलवासियों) की की गयी निर्मम हत्या पर मनाया गया जश्न।
आर्यों ने जब भी और जहाॅ भी मूलवासियों पर विजय हासिल की ,विजय की खुशी में यज्ञ किया।
यही पर्व कहा गया।
पर्व ब्राह्मणों की विजय और त्योहार मूलवासियों के हार की पहचान है।
त्योहार का मतलब होता है-तुम्हारी हार यानी मूलवासियों की हार।
इस देश के मूलवासी अनभिज्ञता की वजह से
पर्व-त्योहार मनाते हैं।
न किसी को अपने इतिहास का ज्ञान है और न अपमान का बोध।
सबके सब ब्राह्मणवाद के खूॅटे से बॅधे हैं।
अपना मान -सम्मान और इतिहास सब कुछ खो दिया है।
अपने ही अपमान और विनाश का उत्सव मनाते हैं और शत्रुओं को सम्मान और धन देते हैं।
यह चिन्तन का विषय है।
होली , होलिका की हत्या और बलात्कार का त्योहार।
दशहरा - दीपावली-रावण वधका त्योहार।
नवरात्र-महिषासुर वध का त्योहार।
किसी धर्म में त्योहार पर शराब पीना और जुआ खेलना वर्जित है ।
पर हिन्दू धर्म में होली में शराबऔर दीपावली पर जुआ खेलना धर्म है।
हिन्दू समाज इस खूॅटे से पुरी तरह बॅधा है।

(४) 😡 चौथा खूॅटा- देवी देवता
-हिन्दू धर्म में तैंतीस करोड़ देवी-देवता बताये गये हैं।
पाप-पुण्य ,जन्म-मरण,
स्वर्ग -नरक, पुनर्जन्म,प्रारब्ध का भय बताकर
काल्पनिक देवी-देवताओं की पूजा -आराधना का विधान किया गयाहै।
मन्दिर -मूर्ति ,पूजा,
दान- दक्षिणा देना अनिवार्य बताया गया है।
हिन्दू समाज इस खूॅटे से बॅधा हुआ है और पाखण,अंधविश्वास,अंधश्रद्धा से जकड़ा है।

(५) 😡 पाॅचवां खूॅटा-तीर्थस्थान:-

-ब्राह्मणों ने देश के चारों ओर तीर्थस्थान के हजारों खूॅटे गाड़ रखे हैं।
इन तीर्थस्थानों के खूॅटे से टकराकर मरना पुण्य और स्वर्ग प्राप्ति का सोपान बताया गया है।
हिन्दू समाज के इन
खूटों से टकराकर मरने की घटनायें प्रायः होती रहती हैं और जान माल का नुकसान होता है।
ब्राह्मणवाद के इन खूॅटो को उखाड़ने के लिए
चिन्तन- मनन, विचार-विमर्श करना होगा।
किसी भी मांगलिक कार्य में ब्राह्मण को न बुलाने से,
ब्राह्मणशास्त्रों को न पढ़ने,
न मानने से,
हिन्दू (ब्राह्मण)त्योहारों को
न मनानेसे,
काल्पनिक हिन्दू देवी-देवताओं को न मानने,
न पूजने से,
तीर्थस्थानों में न जाने,
दान -दक्षिणा न देने से ब्राह्मणवाद के सभी खूॅटे उखड़ सकते हैं।
ब्राह्मणवाद से समाज
मुक्त हो सकता है और मानववाद विकसित हो सकता है।
इस पर चिन्तन-मनन करने की आवश्यकता है।
आइए ब्राह्मणवाद से मुक्ति और मानववाद को विकसित करने का सकल्प लें।

साभार

Related Posts

0 Response to "हिंदू धर्म में कुल 5 खूटे"

Post a Comment

Ads on article

Advertise in articles 1

advertising articles 2

Advertise under the article