महगाई की मार, बस करो सरकार
Monday 19 July 2021
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अब मत सरकाओ सरकार, आफत बनी है महगाई,
पहले भी तो आग लगाईं, अब फिर से ले रही अंगडाई,
नून तेल सब महगे हो गए, महंगी हुई साग की कढ़ाई,
अब तो रहम करो सरकार, चुभन लगी फटी चटाई l
बच्चों का स्कूल है छूटा, झोपडी का छप्पर भी टूटा,
अन्दर पड़ी हुई है खाट, पाया बंधा हुआ एक खूटा,
दलिया भी हुई अब पतली, स्वाद हुआ अब सीटा,
बस साँसें चल रही सरकार, महगाई ने खूब है कूटा l
सूरज दमकता सिर पर हमारे, चाँद आये जब घर,
करू दिहाड़ी करम का मानो, नहीं भरता रोज कर,
महीना में आधे दिन काज, कठिन हो रहा गुजर-बसर,
अब तो रोज काम दो सरकार, राशन नहीं है मेरे घर l
मुन्नी अब सायानी हो गई, करना है अब पीला हाथ,
छोटी कमाई बड़ी महगाई, कैसे मिलेगा इसका साथ,
बहुत मिन्नत से शादी जमाई, अब महगी हो गई भाथ,
अब तो रहम करो सरकार, कैसे तिलक लगेगा माथ l
श्याम कुमार कोलारे
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