जीवन का चार्जर
Friday 9 July 2021
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जीवन में चार्जर का अहम
रोल होता है,
हमारी सफलता और नाकामी
में उसका भी तोल होता है l
बचपन में पिता का डांट फटकार
गुस्सा और चांटे भी चार्जर होते थे
एक बार चार्ज होने पर
कुछ घंटे बैटरी चल जाती थी l
माँ का लाड, प्यार और दुलार
भी करता था चार्जर का काम
पर भाई बहिन से हो लडाई
यानि फिर बेटरी चार्ज पर आई l
दोस्तों की दोस्ती ने
गली मोहल्ला की मस्ती ने
खेल और सरारतों ने
भी खूब किया चार्ज,
अब कहाँ रह गई वो बात
वो दिन थे ! जब चार्ज से ही
होती थी दिन की सुरूआत l
भोर सबेरे दौड़ लगाना
गाँवमें रामधुन की सैर कराना
दादा के संग कसरत
हर शनिवार रामायण पाठ
ये रहे मेरे संस्कार के चार्जर
चिंता है मुझे ऐसे चार्जर की
कहीं समय के बदलाव में
ये गुम न हो जाए, ये सोचता हूँ ...
लेखक / कवी
श्याम कुमार कोलारे
सामाजिक कार्यकर्ता, चारगांव प्रहलाद
छिन्दवाड़ा मो. 9893573770
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