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 जयती जय भारत माता

जयती जय भारत माता


हमें फक्र है देश पर अपना

यहाँ हमारा जन्म हुआ

इस देश का गुणगान गाये

मधुर मनोहर गगन सुआ l

अनेक रंग में विविध ढ़ंग में

मेल-मिलाव रहते संग में

धर्म- संस्कृति मेल निराला

राम-रहीम रहे एक ठाव में l

सब देश में देश निराला

प्रेम सौहार्द है चाम हमारा

देश के खातिर मर मिटने को

सीने में जस्बात हमारा l

हर रंग में हर बोली में

देश की विभिन्न हर टोली में

हर संस्कृति हर धर्म में

देश सेवा है हर एक मन में l

नाज हमारे वीर सैनिक पर

सीमा पर है आँख गढ़ाए

देश के खातिर लहू देने को

क्षण भर में तैयार हो जाए l

बड़ी जुगत से पाई आजादी

रखना है हरदम ये ध्यान

तिरंगा मिला है लहू सींचकर

रखना सब इसका सम्मान l

जस्बात कभी नं कम होने पाए

हमसब जहन में लें उतार  

देश के खातिर ये न किये तो

इसका ऋण कैसे देंगे उतार l

जयती जय भारत माता

जयती जय जय भाग्य विधाता

तिरंगा शान में लहराएगा हरदम

सुरक्षा में चाहे निकल जाए दम l

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कवी/लेखक

श्याम कुमार कोलारे 

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