सावन की बहारें
Friday 20 August 2021
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सावन आया पहन हरियाली
धूम मचाये है बदरी काली
धरती ने पहना है हरा श्रृंगार
नदियों ने पहना है नीर रुपी हार ।
सावन की फुहारें मंद-मंद बरसना
भोरों का जैसे फूलों पे सरकना
मदहोश घटा अम्बर बिखारे
बादलों से दिनकर करें है इशारे ।
रंग-बिरंगी सुन्दरता फूलों में आई
चारो तरफ है मदहोशी छाई
धरती अपने है यौवन में आई
खेत खलिहान में सुन्दरता छाई ।
वन उपवन में रौनक की आहटे
बदल देख मयूर उमंग में है नाचे
साथी संग वालाएँ झूले में इठलाये ।
सावन महीना सबके मन भाये
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कवी/ लेखक
श्याम कुमार कोलारे
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