दोस्ती
ये मेरे दोस्त! मेरे सखा! मेरे हमदम!
मेरे सुख-दुःख के साथी !
तेरे रहने भर से कट जाये जिन्दगी सारी l
जब ग़मों के पहाड़ में खड़ा था अकेला
उस समय दिया तुमने हिम्मत का सहारा
अपने जीवन में एक सच्चा दोस्त होना ही
अपने आप में एक बहुत बड़ा सौभाग्य है l
जब कभी निराशा हो, अन्धकार हो,
अकेलापन हो जीवन में हमारे
उस समय एक दोस्त ही सहारा होता है l
विश्वास और समर्पण का अहसास है दोस्ती,
दिलो से होकर गुजरती है दोस्ती
एक मंद हवा का झोका है दोस्ती
इस झौके का स्पर्श करते ही अपने यार के
हर ख़ुशी पर गम को जान जाती है दोस्ती
दोस्त के खातिर एक दोस्त आपने को
कुर्वान कर जाती है दोस्ती l
एक सच्चे दोस्त की दोस्ती
स्वयं पर विश्वास जैसा होता है
हर ख़ुशी, हर गम का
एक सुन्दर अहसास है दोस्ती l
सच्चा दोस्त ऐसा होता है
जब सारी दुनिया अपने खिलाफ हो जाती है
तब एक दोस्त अपने दोस्त के खातिर
सारी दुनिया के खिलाफ ही जाता है
ऐसे दोस्त पर गर्व है मुझे
जिसके रहने से जिन्दगी संवर जाती है l
कवी/ लेखक
श्याम कुमार कोलारे
युवा लेखक, सामाजिक कार्यकर्ता
छिन्दवाड़ा (मध्यप्रदेश)
मोबाइल : 9893573770
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