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 जीवन के आदर्श

जीवन के आदर्श

जब हम अपना इतिहास पढ़ते हैं, 

तो हमारे आदर्श बदलते हैं। 

हमारे आदर्श बदलते हैं, 

तो हमारे विचार बदलते हैं। 

हमारे विचार बदलते हैं 

तो सोचने का तरीका बदल जाता है।

हमारे सोचने का तरीका बदल जाता है,

तो हमारी मानसिकता बदलती है।

हमारी मानसिकता बदलती है, 

तो हमारे तर्क बदलते हैं। 

हमारे तर्क बदलते हैं, 

तो हम सवाल जवाब करते हैं। 

हम सवाल जवाब करते हैं 

तो हमारे बीच चर्चा होती है। 

हमारे बीच चर्चा होती है, 

तो हमें सही और गलत का ज्ञान होता है। 

सही और गलत का ज्ञान हो जाने पर,

हम अपना अधिकार पाने के लिए संघर्ष करते हैं। 

हम अपने अधिकार पाने के लिए संघर्ष करते हैं 

तो हम में त्याग, सर्मपण और बलिदान 

करने का जज्बा निर्माण होता है। 

जब हम में जज्बा निर्माण होता है, सरतोत

तब हमें कोई पराजित नहीं कर सकता। 


"मन के हारे हार है, मन के जीते जीत " l


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श्रोत : सोशल मीडिया विक्रांत सातनकर


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