रचना एवं कविताएँ कविता : शुरू हुई फिर पढ़ाई By Tech Teach Sunday, 10 October 2021 Comment पिछली पंक्ति के कोने मेंबैठा हुआ एक बच्चा मन में उमड़ती आशाएं मन का मानों सच्चा दो साल गुजर गए न देखे स्कूल पढ़ाई सीधे दूसरी में आ गई पहली की छुटी पढ़ाई नन्हीं वाला समझ न पाई घर में तो नहीं हुई पढ़ाई अक्षर शब्द सब अनजान अंक संख्या हुए सब बेगाने Baca Jugaमै शब्द हूं! I am wordमेरा देश-मेरा वतन, Mera desh- Mera vatanकविता - "माँ" मैया मेरी भी सुन लो जानी मणि एक फरियाद बहुत दिनों से पढ़ा नहीं है सब भूले जो था याद बाल मन का क्या था दोष कोरोना में मचाया शोर बीत गए दिल बड़े सुहाने भूल गए जो याद हमारे--------------------------कवी/ लेखक श्याम कुमार कोलारे
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