कविता : बात पते की
जिन्दगी में कीमती चेन हो ना हो मगर
जिन्दगीं में सुकून की चैन होना चाहिए,
चमकता सोना अपने पास हो ना हो मगर,
सोने पर शरीर को आराम होना चाहिए ।
आदमी के पास कार हो ना हो,
लेकिन संस्कार होना चाहिए,
गद्दे हो सकते है कीमती नरम,
पर उस गद्दे पर नींद आनी चाहिए ।
थकान ही सबसे बड़ी तकिया है यारो,
जमीं पर भी नींद जैसा सुकून होना चाहिए,
घर में सोपा सेट, पलंग सेट हो ना हो,
मगर अपना माईड सेट होना चाहिए ।
लोग कमाते है मेहनत से पैसा यहाँ,
उस पेशा में मेहनत का मुकाम होना चाहिए,
समय हाथों में बांध रखते है अक्सर लोग,
अपनों के लिए भी थोड़ा समय होना चाहिए ।
घर में आराम का सामान रखते है सब,
घर में खुशियों का अरमान होना चाहिए,
जिन्दगी बड़ी कीमती है यारो यहाँ,
इसमें परहित का जूनून होना चाहिए ।
हीरा पुराना होने पर भी कीमत नहीं खोता,
जिन्दगी में हरपल चमक होना चाहिए
कर दिखाओं काम ऐसा, छोटी ही सही,
पर अपनी एक पहचान होना चाहिए ।
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श्याम कुमार कोलारे
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