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सफलता का सूत्र

सफलता का सूत्र


जीवन में प्रत्येक व्यक्ति सफलता की उच्चतम सीढ़ी को  प्राप्त करना चाहता है। इसीलिए सफलता हर व्यक्ति के जीवन का लक्ष्य होना चाहिए। व्यक्ति का जीवन चुनौतियों व अवसरों से भरा है लेकिन केवल उन्हीं व्यक्तियों  के लिए जो वास्तव में अवसरों को प्राप्त करने और चुनौतियों का सामना करने के लिए जीवनभर  संघर्ष करते रहते हैं। किसी भी व्यक्ति की कड़ी मेहनत और समर्पण की भावना ही उसके जीवन में सफलता की यात्रा का एकमात्र मंत्र हैं। उत्साह और कड़ी मेहनत के बिना कोई भी व्यक्ति सफलता हासिल नहीं कर सकता है।

वास्तविकता में जीवन एक बहुत बड़ा समुद्र है। यह एक ऐसा सागर है जो व्यक्ति को पार करना होगा। कभी-कभी जीवन में ऐसी चोट लग सकती है मानों किसी ने पत्थर मारा हो,लेकिन उम्मीद नहीं खोनी चाहिए ।इतिहास इस बात के साक्ष्यों से भरा पड़ा है कि जो लोग हार नहीं मानते वे अंततः जीवन में सफलता हासिल करते ही हैं। इसका अभी हाल ही में प्रत्यक्ष जीता जगता उदाहरण देखें तो टोक्यो पैरा-ओलम्पिक 2021में स्वर्ण पदक विजेता अवनी लेखरा को देख सकते है।  

यदि कोई व्यक्ति सफलता को नाम देने के लिए सोचें,तो बहुत से लोग उसे प्रसिद्धि, मान्यता, बड़ा घर, कार, बैंक बैलेंस आदि के रूप का नाम देंगे। जिस व्यक्ति के पास ये सब ऐशो-आराम की वस्तुएँ हो वही सफल व्यक्ति है। परन्तु सफलता की व्याख्या हर व्यक्ति के हिसाब से अलग हो सकती है नहीं, अलग ही होती है । सरल रास्ते से सफलता पाने में समय ख़राब करने की बजाए अपने लक्ष्यों और सपनों के लिए कड़ी व सकारात्मक मेहनत करनी चाहिए ।व्यक्ति को  किसी और के लिए नहीं बल्कि वास्तविक सफलता हासिल करने के लिए अपनी पहचान और क्षमता के अनुरूप कार्य करना चाहिए। 

ग्रेट थिंकर्स सैम्युएल स्माइल्स ने अपनी पुस्तक 'सेल्फ-हेल्प में लिखा है कि -" बिना संघर्ष के जीवन का युद्ध जीतना, बिना सम्मान की जीत की तरह है। कठिनाइयों के बिना सफलता नहीं मिलती। संघर्ष नहीं है, मतलब पाने के लिए कुछ नहीं है। " इसी प्रकार से मैल्कम फोर्ब्स ने कहा है कि "अगर हम विफलता से सीखते हैं तो वह एक सफलता ही है। " आदमी असफल होकर उससे सीख प्राप्त कर सफल हो सकता है। 

व्यक्ति को जीवन में सफलता पाने के लिए लगातार चुनौतियों का सामना करना चाहिए। सफलता के मार्ग में जो कठिन कार्य हों, उन्हें करने से उसे डरना नहीं चाहिए। उन कठिन कार्यों को करते हुए व्यक्ति को अपने स्वयं को परखना चाहिए। अपनी सारी ऊर्जा, संसाधन और समय अपने लक्ष्य पर लगाने से सफलता के मार्ग की सभी चुनौतियां दूर हो जाती हैं। एप्पल के सह संस्थापक स्टीव जॉब्स ने कहा है कि  - " कोई भी सफलता रातों रात नहीं मिलती। उसके पीछे न जाने कितने वर्षों की जी-तोड़ मेहनत छिपी होती है। "

 बहुत से लोग अपने जीवन के लक्ष्यों के बारे में निर्णय नहीं ले पाते हैं । कुछ जीवन में सफलता के लिए आगे और पढाई करने का विकल्प चुनते हैं, कुछ कॉर्पोरेट जगत में शामिल होने की सोचते हैं।  कुछ अपने परिवार के व्यवसाय में शामिल होने की सोचते हैं। प्रत्येक विकल्प अपनी संभावनाओं और चुनौतियों से भरा हुआ है। व्यक्ति को परिणामों की कल्पना न करके केवल अपनी गतिविधियों पर ध्यान देना चाहिए। यदि वह शुरुआत में विफल हो जाता हैं तो निराश होने की बजाए उसे निरंतर  कोशिश करते रहना चाहिए। व्यक्ति को यह सदैव  याद रखना चाहिए कि आपकी गलतियाँ अंत में बहुत महत्वपूर्ण सबक देती हैं। वही गलतियां आपको सही रास्ते के चुनाव में मदद भी करती हैं। व्यक्ति को आलोचना से डरना नहीं चाहिए क्योंकि सफल लोग आलोचनाओं से ही सफलता की ओर बढ़ते हैं। प्रख्यात लेखक दीपक चौपड़ा ने कहा है कि- " सफलता कोई लक्ष्य नहीं है, यह तो एक सतत चलने वाली प्रकिया है। " 

हमने बचपन में कई कहानियों के बारे में सुना है जैसे 'चींटी की कहानी, जो पहाड़ पर चढ़ने की कोशिश करती है' या 'सावधानी और स्थिरता से जिंदगी की जंग जीतती है। ऐसी सभी कहानियां एक ही सीख देती है कि जब तक आप सफल न हो जाएं तब तक आपको कोशिश करते रहना चाहिए और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आपकी गति धीमी है लेकिन अगर आप निरंतर हैं तो आप निश्चित रूप से जीत सकते हैं। इसकी एक प्रसिद्ध कहानी खरगोश और कछुए की कहानी तो हम सबने सुन ही रखी है। अमेरिकी लेखक बेंजामिन फ्रैंकलिन लिख़ते हैं कि " दुनियां में चींटी से अच्छा उपदेशक कोई ओर नहीं हो सकता है। वह निरंतर काम करते हुए खामोश रहती है।"

मैं यह नहीं मानता हूँ कि जीवन एक प्रतियोगिता है और आप को जीतने के लिए दूसरों को हरा देना चाहिए। इसके लिए व्यक्ति को सफल होने के बावजूद भी विनम्र बने रहना  चाहिए।युवा लोग हमारे देश का भावी भविष्य हैं। युवाओं को अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को पूरा करने की कोशिश करनी चाहिए। जिससे आने वाली भावी पीढ़ी उनका अनुसरण कर सके। आज हमें उन लोगों की ज़रूरत है जो सफल और विचारशील हैं। युवाओं के पास परिवर्तनों को लागू करने और हर क्षेत्र में क्रांति लाने की क्षमता है। इसलिए ध्यान केंद्रित करें और सफलता की दिशा में अपनी यात्रा को प्रारम्भ करें।स्वामी विवेकानंद ने भी कहा है कि -" आपकी सफलता केवल आप तक ही सीमित नहीं है, इसलिए आपका कर्तव्य सफल होना चाहिए। "

व्यक्ति को सफलता हासिल करने के लिए प्रेरित किया जा सकता है। अगर कोई सफलता की परिभाषा पूछे तो कहा जा सकता है कि अगर आप आलसी नहीं है तो यह आजीवन सतत यात्रा है। जीवन में हर कोई सफलता चाहता है विशेष रूप से युवा, हमेशा अपने जीवन में सर्वोत्तम कैरियर विकल्प को प्राप्त करने के लिए उत्साहित होते हैं लेकिन सफलता के प्रति भी विभिन्न लक्ष्यों और इच्छाओं के आधार पर अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग अर्थ होते है। कुछ एक खेल में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं, कुछ प्रसिद्ध कंपनी में सम्मानजनक स्थिति पाना चाहते हैं, कुछ कलात्मक हैं तो कुछ अपना खुद का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं।

ऐसा माना जाता है कि कड़ी मेहनत करने पर सफलता प्राप्त होती है लेकिन व्यक्ति के जीवन में अवसर भी समय के साथ आते हैं। तो क्या इसका मतलब है आराम से बैठ जाएँ और अवसर आने के समय तक इंतजार करते रहें?नहीं, ऐसा नहीं होना चाहिए। यदि किसी व्यक्ति के जीवन में कोई अप्रत्याशित अवसर आ जाए और वह तैयार नहीं हैं तो क्या होगा? इसलिए हमेशा यह सलाह दी जाती है कि व्यक्ति खुद को अपेक्षित या अप्रत्याशित अवसर के लिए तैयार रखे । यह महत्वपूर्ण है कि व्यक्ति को अपने कौशलों का विकास करते रहना चाहिए, ताकि वह  किसी भी मौके को खो न दें। जिससे वह सफलता हासिल कर सकता है।

व्यक्ति को अपने प्रयास और ऊर्जा खर्च करने के बाद अपने आप को सफलता का श्रेय भी देना चाहिए । यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू है क्योंकि अधिकांश लोग अच्छे भाग्य या किस्मत को अधिक श्रेय देते हैं। ऐसे लोग निडर नहीं होते बल्कि वे हमेशा विफलताओं या दुर्घटनाओं के बारे में ही चिंतित रहते हैं। बुरे दिनों के लिए खुद को तैयार करने के बजाए वे लगातार खुद की सफलता के लिए प्रार्थना करते हैं। व्यक्ति को हमेशा खुद का दयालु व्यवहार दिखाना चाहिए और भविष्य की अपनी जीवन यात्रा के साथ खुद को प्रोत्साहित करना चाहिए। हर जीत का जश्न, चाहे जीत छोटी हो या बड़ी, व्यक्ति के उत्साह को बढ़ावा देती है।  व्यक्ति को जीवन में अधिक सफ़लता प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करती है।

जीवन में कुछ लोग भावनात्मक और संवेदनशील होते हैं। अगर वे विफल हो जाते है तो वे कोशिश करना छोड़ देते हैं। उन्हें समझना चाहिए कि सफलता और असफलता एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। सफलता किसी भी व्यक्ति की वंशानुगत संपत्ति नहीं है। यहां तक ​​कि कोई भी व्यक्ति जिसे पैतृक संपत्ति के रूप में सफल व्यवसाय मिलता है उसे भी उसकी सफलता बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। इसलिए आपको निराश या परेशान होने की ज़रूरत नहीं, भले ही आप असफल हों जाए।अमेरिकी लेखक डेल कार्नेगी ने लिखा है कि -"असफलता को सफलता में बदलो। निराशा और असफलता, सफलता के रास्ते में आने वाले दो पद चिन्ह हैं। "

अपने लक्ष्य पर केंद्रित रहना सफलता का मुख्य रहस्य है। आपका मुख्य उद्देश्य खुश और संतुष्ट रहना होना चाहिए। किसी को स्वस्थ रहने में खुशी मिलती है और कुछ अमीर बन कर खुश होते हैं लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आपको कम से कम यह पता होना चाहिए कि आप क्या चाहते हैं। आधी यात्रा तो केवल तभी खत्म हो जाती है। व्यक्ति को अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और अपने सपने पूरे करने और खुशी हासिल करने का दृढ़ निश्चय करना चाहिए।  सफलता जल्द ही आपकी जीवन यात्रा में आपकी साथी बन जाएगीI लेखक जिग जिगलर ने भी लिखा है कि -"अगर आप खुद को एक विजेता की तरह नहीं देखते तो आप एक विजेता की तरह प्रदर्शन भी नहीं कर सकते। " स्वयं को पूर्ण एकाग्रता के साथ समर्पित करना ही सफलता है। 

सफलता की परिभाषा हर दूसरे व्यक्ति की  भिन्न होती हैं।  इसलिए हमेशा बेहतर रहने के लिए प्रेरित रहें और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि व्यक्ति को दूसरों के साथ खुद की तुलना कभी नहीं करनी चाहिए। बड़े सपने देखें और बड़ा लक्ष्य हासिल रखे। टेस्ला मोटर्स के सीईओ एलन मास्क कहते हैं कि -" यदि आपके पास कोई सपना है तो उसे पूरा करने के लिए अपने दिल की सुनें। जोखिम उठाएं। भले ही आपको अकेला चलना पड़े। " 

व्यक्ति को असफलता का मुँह देखना पड़ता है तो उसे अपनी महत्वाकांक्षाओं को नहीं छोड़ना चाहिए । महत्वकांक्षाओं को छोड़ना बुद्धिमानी भरा कदम नहीं है।  बल्कि उसे अपनी विफलताओं से सीख लेकर सफलता हासिल करने के लिए कदम बढ़ाने चाहिए । यदि व्यक्ति  जीवन में असफल नहीं होगा तो उसको  कैसे पता चलेगा कि जीवन में सफल होने का मतलब क्या है? इसलिए खराब समय का सामना करने के लिए हमेशा तैयार रहना और अपने लक्ष्य को साकार करने में कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिए । असफलताएँ बार-बार व्यक्ति के सामने आएँगी लेकिन  निरंतर प्रयास से एक दिन निश्चित रूप से सफलता उसके कदम चूमेगी।

यह जीवन जटिलताओं से भरा है और सफलता की राह आसान नहीं है। कई बाधाएं उत्पन्न होंगी लेकिन विपरीत परिस्थितियों में ना झुकें बल्कि परिस्थितियों को अपनी इच्छा शक्ति और दृढ़ता से झुकाएं। यदि आप कड़ी मेहनत करेंगे तो निश्चित रूप से आपको जल्द ही सफलता प्राप्त होगी। जब भी आपको विपरीत परस्थितियां मिले तब व्यक्ति को अपनी मज़बूत इच्छा शक्ति से उसका सामना करना चाहिए ।

जीवन में सफलता उनको ही मिलती है जो विफलताओं से डरते नहीं है और अंत तक संघर्ष जारी रखते है। जब भी व्यक्ति को महसूस हो कि उसका मनोबल नीचे गिर रहा है तो याद रखना चाहिए कि महाराणा प्रताप  एक दिन में ही महान नहीं बने थे। गाँधी एक दिन में ही राष्ट्रपिता नहीं हो गये थे। अम्बेडकर एक दिन में ही दलितों के मसीहा व संविधान निर्माता नहीं बन गये थे। ए.पी.जे.अब्दुल कलाम आजाद एक ही दिन में मिसाइल मैन नहीं बन गये थे। इन सब ने अपने लक्ष्य के लिए निरंतर प्रयास कर दृढ़ इच्छा शक्ति से कर्तव्य पालन किया तब जाकर सफलता ने इनके कदम चूमे थे। 

व्यक्ति को जुनून  हासिल कर,  कभी भी ख़तरा उठाने से नहीं डरना चाहिए और दिन-रात अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए लगातार तेज़ी से काम करते हुए आगे बढ़ना चाहिए। उसे अपने आप ही  निश्चित रूप से सफलता प्राप्त होगी। 

सफलता क्या है सफलता को जीवन में सुख के निरंतर विस्तार के रूप में और श्रेष्ठ लक्ष्य की प्राप्ति के रूप में भी परिभाषित किया जा सकता है। 

विख्यात लेखक दीपक चोपड़ा ने भी कहा है " सफलता सिर्फ भौतिक नहीं अच्छा स्वास्थ्य, जीवन के प्रति ऊर्जा-उत्साह, स्वस्थ संबंध और मन की शांति भी है। "

अतः सफलता कोई एक ही लक्ष्य नहीं हो सकती यह तो एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। यदि हम सफलता के सूत्र की बात करें तो सफलता पाने के लिए व्यक्ति के मन में सबसे पहले लक्ष्य होना चाहिए, फिर उसके लिए निरंतर प्रयास होना चाहिए, ततपश्चात कड़ी मेहनत, दृढ़ इच्छा शक्ति और आस्था होगी तो सफलता अवश्य ही व्यक्ति के कदम चूमेगी। अतः सफलता का सूत्र - उद्देश्य+सतत प्रयास+कर्तव्य+आत्म विश्वास+आस्था = सफलता। 

यहां जिग जिगलर का जिक्र करना चाहूँगा कि " सफलता पाने के लिए लिफ्ट नहीं, सीढ़ियों से जाना होगा। " क्योंकि सफलता इससे नहीं मापी जाती कि आपने क्या पाया है, बल्कि इससे मापी जाती है कि आपने किन विरोधों व परिस्थितियों में इसे पाया है। सफलता उनको मिलती है जो इसे तलाशने में रात दिन व्यस्त रहते हैं। 

शिव खेड़ा ने कहा है कि "जीतने वाले लोग कोई अलग चीज नहीं करते हैं, बल्कि वह चीजों को अलग तरीके से करते हैं।"


जीत में जीत को

हार में हार को 

स्वीकार करूँगा मैं। 


छल से, बल से,कपट से नहीं 

हार से हो उत्प्रेरित 

हार को जीत में बदल लूँगा मैं। 


कुछ तेरी जीत से सीखूँगा 

कुछ मेरी हार से सबक लूँगा 

अबकी बार हार को 

जीत में बदल लूँगा मैं। 


राजकुमार इन्द्रेश 

प्रधानाचार्य / साहित्यकार 

9001311561

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