पशु-पक्षियों का हमदर्द बना कपड़ा बैंक Kapda Bank became sympathetic to animals and birds
पशु-पक्षियों का हमदर्द बना कपड़ा बैंक
कपड़ा बैंक की टीम शहर भर में घूमकर पशु-पक्षियों के भोजन-पानी का इंतजाम कर रहा है
छिन्दवाड़ा - कपड़ा बैंक सेवा सहयोग संगठन के संस्थापक व अध्यक्ष श्रीमती हेमलता महेश भावरकर के मार्गदर्शन से गर्मी के प्रारंभ होते ही पक्षियों के लिए खाना-पानी के व्यवस्था में कपड़ा बैंक की टीम जुट गयी है l सेवा सहयोग संगठन की मुख्य थीम सेवा बने स्वाभाव से जुड़कर बहुत से स्वयंसेवक इस कार्य को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे है l कपड़ा बैंक का उद्देश्य है कि इस भीषण गर्मी में जहाँ सभी जंगल में पानी के स्रोत सूख गए है ऐसे में पशु-पक्षी भूखे-प्यासे न रहें, इस बात को ध्यान में रखते हुए यथासंभव जगह-जगह पेड़ो पर व ऐसे स्थान जहाँ पक्षियों के आने की संभावना है वहाँ उनके लिए खाना-पानी की व्यवस्था की जा रही है l इस कार्य में जिला की टीम के साथ-साथ ब्लाक चौरई का भरपूर सहयोग मिल रहा है l कपड़ा बैंक की टीम शहर भर में घूमकर पशु-पक्षियों के भोजन-पानी का इंतजाम कर रहे है ।
गर्मी आते ही जब जंगल में पेड़ो के पत्ते सूख जाते है व सूख कर गिर जाते है, घास आदि की कमी हो जाती है ऐसे में पशु एवं पक्षी भूखे-प्यासे घूम रहे होते है ऐसे में संस्था द्वारा एक छोटी सी पहल इस मूक प्राणियों के लिए बहुत बड़ा सहारा का कार्य कर रहा है । संस्था के इस सफल प्रयास के लिए लोगों ने इस पहल को सराहा। संस्था को बहुत से स्वयंसेवकोण का सहयोग मिला तो और भी साथी जुड़ गए। अब संस्था की और से बहुत से लोग इस पहल को आगे बढ़ाने में मदद कर रहे है जिससे संस्था पशु-पक्षियों के भोजन-पानी का इंतजाम कर रही हैं। कपड़ा बैंक जिला मीडिया प्रभारी श्याम कोलारे ने बताया कि यह सेवा सहयोग संगठन टीम का छोटा सा प्रयास है, जिसमें सभी का सहयोग मिल रहा है, यदि सभी जनसामान्य का भी सहयोग बना रहे तो इस प्रयास से बहुत से पक्षियों की जान बचाई जा सकती है। क्योंकि, गर्मियों में पक्षियों के लिए जीना बहुत कठिन हो जाता है। शहरवासियों से अपील है कि अपने घर की छत या किसी अन्य स्थान पर पक्षियों के लिए दाना-पानी जरूर रखें।
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