अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस विशेष - नारी देश का मान
//अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस विशेष international women's day//
कविता - नारी देश का मान
नारी देश का मान है, ये देश का सम्मान है
ऊँची बुलंदी की है हस्ती, देश की कमान है
कर इसके कई चुनौती,परिवार की पहचान है
नर को कर दे नारायण ये, ऐसी सृजनहार हैl
जीवन की दायिनी है, जननी का अवतार है
नारी रूप में दिखती, ये देवि का अवतार है
शौम्य रूप में कोमलता की,अद्भुत ये भान है
ममता से ममतामई ये, करुणा की ये खान हैl
त्याग तपस्या सहनशीलता, समर्पण पहचान है
सृजन करती मनुष्यता का, गढ़ती नए आकर है
माँ के आँचल सुख हरदम, देता आनंद का भान
नर का पालन है करती,ये जीवन का आधार हैl
नारी है नर की संगनी, दोनों पहिये की धार है
ये कलां से रचती जीवन, रखती कंधो पर भार है
शीतलता में हिम बूंदें सी, ओढे चादर ठण्ड की
गर्मी के तप से बचाने, खुद सह जाए उष्मा भीl
उपकार है इनका सब पर, कतरा-कतरा है ऋणी
मान दे सम्मान दे, दें अवसर ऊँची उडान को
ऊँचे गगन को छू लेना, अपने हौसलों के जोर से
नारी तू असीम शक्ति,पहचान अपने अधिकार कोl
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Shyam Kumar Kolare
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