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कंप्यूटर की सभी बेसिक जानकारी All basic information of computer

कंप्यूटर की सभी बेसिक जानकारी All basic information of computer

 कंप्यूटर की सभी बेसिक जानकारी?

आज आप इस आर्टिकल में कंप्यूटर की सभी बेसिक जानकारी आसान भाषा में जान जाओगे। कई लोग यह पूछते हैं की कंप्यूटर का सामान्य जानकारी बताएं क्या होता है? इसलिए आपको कंप्यूटर का बेसिक ज्ञान देने के लिए यह आर्टिकल लिख रहा हूँ Basic Knowledge of Computer in Hindi। अगर आप कंप्यूटर के बारे में अच्छी जानकारी चाहते हैं तो सबसे पहले आपको कंप्यूटर की Basic Information होना काफी जरुरी है, तो चलिए जानते हैं की कंप्यूटर का बेसिक ज्ञान क्या है?

कंप्यूटर क्या है?

कंप्यूटर (Computer) एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो की मुख्यतः चार उपकरणों से मिलकर बना है जैसे की डिस्प्ले (Display), माउस (Mouse), कीबोर्ड (Keyboard), मदर बोर्ड (Motherboard), और CPU। कंप्यूटर को आप कोई डाटा को Input की तरह दे सकते हैं उसके बाद उसी डाटा को CPU के जरिए प्रोसेस करके कंप्यूटर आपको एक Output देता है. चलिए इसे एक उदाहरण की मदद से समझते हैं मान लो आपको मैंगो शेक बनाना है तो आपको आम के पल्प, सक्कर, दूध, और मिक्सर की जरुरत पड़ेगी. मिक्सर CPU की तरह काम करेगा जो की सभी सामान को आपस में अच्छी तरह से मिक्स कर देगा, आम के पल्प, सक्कर, और दूध ये सभी इनपुट की तरह है, और में हमें जो मैंगो शेक मिलता है वह आउटपुट की तरह है. ठीक इसी तरह कम्प्यूटर भी काम करता है। कंप्यूटर मुख्यतः दो पार्ट से मिलकर बना है हार्डवेयर (Hardware) और सॉफ्टवेयर (Software), कंप्यूटर के जिस भी भाग को हम अपने हाथों से छू सकते हैं उसे हार्डवेयर कहा जाता है जैसे की माउस, कीबोर्ड, CPU, प्रिंटर, माइक्रोफोन, RAM, डिस्प्ले इत्यादि।

Operating System क्या है? 

सॉफ्टवेयर ऐसे प्रोग्राम या Instruction होते हैं जिनकी मदद से हम कंप्यूटर से एक स्पेसिफिक काम करा सकते हैं जैसे की Microsoft Excel, Microsoft Word, Chrome इत्यादि. हम सॉफ्टवेयर को छू नहीं सकते हैं।

Input डिवाइस 

इनपुट ऐसे डाटा या Instruction होते हैं जो की कंप्यूटर को दिए जाते हैं. इनपुट डिवाइस का इस्तेमाल करके हम कोई भी इनपुट कंप्यूटर को देते हैं। कीबोर्ड, माउस, स्कैनर, मइक्रोफ़ोन, जॉय स्टिक, लाइट पेन, बारकोड रीडर इत्यादि ये सभी Input डिवाइस के उदाहरण है। जब आप अपने कंप्यूटर के लॉक को खोलने के लिए पासवर्ड Enter करते हो तब आप कीबोर्ड की सहायता से कंप्यूटर को इनपुट दे रहे होते हो।

Output डिवाइस 

आउटपुट डिवाइस कंप्यूटर हार्डवेयर का एक टुकड़ा है जो कंप्यूटर से डेटा प्राप्त करता है और फिर उस डेटा को दूसरे रूप में परिवर्तित करता है। वह Audio, Visual, Textual या Hard Copy जैसे Printed Document हो सकता है एक इनपुट डिवाइस और एक आउटपुट डिवाइस के बीच मुख्य अंतर यह है कि एक इनपुट डिवाइस कंप्यूटर को डेटा भेजता है, जबकि एक आउटपुट डिवाइस कंप्यूटर से डेटा प्राप्त करता है।

कंप्यूटर की विशेषता क्या है?

उदाहरण के लिए, पॉडकास्ट रिकॉर्ड करने के लिए माइक्रोफोन का उपयोग करना इनपुट डिवाइस का उपयोग करने का एक उदाहरण है. कनेक्टेड स्पीकर के माध्यम से रिकॉर्ड किए गए पॉडकास्ट को सुनना आउटपुट डिवाइस का उपयोग करने का एक उदाहरण है।

CPU 

सीपीयू (Central Processing Unit) कंप्यूटर का एक प्राथमिक घटक है जो निर्देशों को प्रोसेस करता है. यह ऑपरेटिंग सिस्टम और एप्लिकेशन को चलाता है, उपयोगकर्ता या सक्रिय सॉफ़्टवेयर प्रोग्राम से लगातार इनपुट प्राप्त करता है। यह डेटा को प्रोसेस करता है और आउटपुट उत्पन्न करता है, जो किसी एप्लिकेशन के स्क्रीन पर दिखाया जाता है सीपीयू में कम से कम एक प्रोसेसर होता है, जो कि सीपीयू के अंदर वास्तविक चिप होता है जो गणना करता है। कई वर्षों के लिए, अधिकांश सीपीयू में केवल एक प्रोसेसर था, लेकिन अब एकल सीपीयू के लिए कम से कम दो प्रोसेसर या प्रसंस्करण कोर होना आम है।

दो प्रोसेसिंग कोर वाले सीपीयू को डुअल-कोर (Dual-Core) सीपीयू कहा जाता है और चार कोर वाले मॉडल को क्वाड-कोर (Quad-Core) सीपीयू कहा जाता है। हाई-एंड सीपीयू में छह (Hexa-Core) या आठ (Octa-Core) प्रोसेसर हो सकते हैं. एक कंप्यूटर में एक से अधिक सीपीयू हो सकते हैं, जिनमें से प्रत्येक में कई कोर होते हैं. उदाहरण के लिए, दो Hexa-Core सीपीयू वाले सर्वर में कुल 12 प्रोसेसर होते हैं।

CPU क्या है?

मेमोरी दो प्रकार के होतें है पहला है RAM Primary Memory (Random Access Memory) जिसमे Unprocessed डाटा को Load किया जाता है और दूसरा है Hard Disk (Secondary Memory) जिसमे Processed डाटा को रखा जाता है. अब तकआपको CPU क्या है (CPU Kya Hai)? इसकी जानकारी हो गयी होगी लेकिन अब आप यह जानोगे की यह काम किस तरह करता है। वैसे इसके काम करने के कुल तीन Steps होते है पहला है Instruction को Recieve या Fetch करना, दूसरा Step है Instruction को Decode करना यानी यह समझना की Instruction क्या है, और तीसरा Step होता है Instruction को Execute करना यानी Instruction का इस्तेमाल करके Output देना।

Fetch

Processor का पहला काम होता है मेमोरी से Instructions यानी निर्देशों को Fetch करना, जब तक Processor के पास कोई भी निर्देश नहीं जाएगा तब तक प्रोसेसर कोई भी Processing नहीं करता है लेकिन जैसे ही वह निर्देशों को Fetch यानी की recieve करता है वैसे ही यह प्रोसेसिंग के लिए तैयार हो जाता है।

Instruction में बहुत सारे address होतें है जहा अलग अलग निर्देश मौजूद होतें है इसे पाने के लिए एक Programme Counter होता है जो की Instruction Register में रखा होता है यह अलग अलग Instructions को प्रोसेसर को देता है।

Decode

Decode का मतलब होता है की किसी भी आदेश का Meaning समझना, एक बार जब आदेशों (Instructions) को Fetch कर लिया जाता है तब Decoder इन आदेशों को Electrical Signal में परिवर्तित कर देता है और processor के हर एक Components के पास इन आदेशों को भेज दिया जाता है।

Execute

Execute का अर्थ होता है किसी भी Instruction को लेने के बाद उसमे दिए हुए निर्देशों का पालन करते हुए Output generate करना, यह अंतिम Step होता है। आदेशों को Fetch और Decode करने के बाद उसमे दिए हुए आदेशों के अनुसार processing होता है और फिर CPU Output देता है। दोस्तों अगर आप कोई लैपटॉप या फिर कम्प्यूटर ख़रीदतें हैं तो आपको यह जरूर मालूम होना चाहिए की उस सिस्टम में मौजूद Processor कौनसे प्रकार का है, क्या वह  Dual Core है या फिर Quad Core है. यही सारे Features किसी भी कम्प्यूटर या फिर लैपटॉप को फ़ास्ट बनाते है।

Single Core CPU

सबसे पहले ये समझ लीजिये की Core क्या होता है हिंदी में इसका मतलब होता है “भाग”, Single Core CPU का मतलब होता है की उस कंप्यूटर में सिर्फ एक ही Processor है। अगर आपके सिस्टम का प्रोसेसर Single Core है तो आपका CPU एक बार में सिर्फ एक ही काम कर सकता है।

MotherBoard

मदरबोर्ड कंप्यूटर के हार्डवेयर घटकों जैसे प्रोसेसर (CPU), मेमोरी (RAM), हार्ड ड्राइव और वीडियो कार्ड के बीच कनेक्टिविटी प्रदान करता है. कई प्रकार के मदरबोर्ड हैं, जिन्हें विभिन्न प्रकार और कंप्यूटरों के आकार के अनुसार बनाया गया है। मदर बोर्ड के अंदर ही कंप्यूटर के मुख्य घटक जैसे की प्रोसेसर, मेमोरी, हार्ड ड्राइव, वीडियो कार्ड इत्यादि उपस्थित होते हैं। प्रत्येक प्रकार के मदरबोर्ड को विशिष्ट प्रकार के प्रोसेसर और मेमोरी के साथ काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, इसलिए वे हर प्रोसेसर और प्रकार की मेमोरी के साथ काम नहीं करते हैं। हालांकि, हार्ड ड्राइव ज्यादातर Universal होते हैं और अधिकांश प्रकार या ब्रांड की परवाह किए बिना मदरबोर्ड के साथ काम करते हैं।

कंप्यूटर के फायदे 

मल्टीटास्किंग (Multitasking)

मल्टीटास्किंग कंप्यूटर का एक बड़ा फायदा है। कंप्यूटर कुछ सेकंड के भीतर ही Numbers की समस्याओं की गणना कर सकता है. कंप्यूटर प्रति सेकंड निर्देशों का कई खरब गणना कर सकता है। 

गति (Speed) अब कंप्यूटर केवल गणना करने वाला उपकरण नहीं है, अब कंप्यूटर की मानव जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है।. कंप्यूटर के मुख्य लाभों में से एक इसकी अविश्वसनीय गति है, कंप्यूटर की मदद से सभी कार्यों को बहुत तेजी से किया जा सकता है।

शुद्धता (Accuracy) कंप्यूटर के मूल लाभ में से एक यह है कि न केवल गणना कर सकते हैं, बल्कि सटीकता के साथ गणना कर सकता है।

डाटा सुरक्षा (Data Security)

डिजिटल डेटा की सुरक्षा को Data Security के रूप में जाना जाता है। कंप्यूटर विनाशकारी ताकतों से और अनजान Users से साइबर हमले जैसी Unwanted Action से सुरक्षा प्रदान करता है।

@कंप्यूटर के नुकसान

वायरस और हैकिंग के हमले 

वायरस को ईमेल अटैचमेंट से ट्रांसफर किया जा सकता है, रिमूवेबल डिवाइस जैसे USB, किसी संक्रमित वेबसाइट के विज्ञापन आदि के माध्यम से एक बार वायरस को होस्ट कंप्यूटर में ट्रांसफर करने के बाद यह फाइल को संक्रमित कर सकता है, फाइल को ओवरराइट कर सकता है।


ऑनलाइन साइबर अपराध 

ऑनलाइन साइबर-अपराध का मतलब है कि अपराध करने के लिए कंप्यूटर और नेटवर्क का इस्तेमाल किया जा सकता है. साइबरस्टॉकिंग और Identity चोरी ऐसे बिंदु हैं जो ऑनलाइन साइबर अपराधों के अंतर्गत आते हैं।

उदाहरण के लिए: किसी को आपके शॉपिंग खाते तक पहुंच की सुविधा मिल सकती है जैसे कि अमेजन खाता अब वह व्यक्ति आपके व्यक्तिगत Details जैसे डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड नंबर का पता कर सकेगा जिसका दुरुपयोग किया जा सकता है।

रोजगार के अवसर में कमी 

मुख्य रूप से पिछली पीढ़ी कंप्यूटर का उपयोग नहीं करती थी, जब वे कंप्यूटर क्षेत्र में आते थे तो उन्हें एक बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता था। जैसा कि हमने बैंकिंग क्षेत्र में देखा है कि वरिष्ठ बैंकिंग कर्मचारियों को इस समस्या का सामना करना पड़ता है।

हमें आशा है यह लेख पढ़ने के बाद आपके सभी सवालों के जवाब आपको मिल गए होंगे जैसे की कंप्यूटर की सभी बेसिक जानकारी? (Basic of Computer in Hindi) Computer क्या है, Parts of Computer in Hindi।

RAM क्या है और कैसे काम करता है?

 RAM क्या है ? आप भी इसी प्रश्न का जवाब ढूंढ रहें है तो इस Article को पढ़ने  के बाद आपके सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे जैसे की RAM का Full Form क्या है और यह कैसे काम करता है ? (RAM Kya Hai in Hindi)। अगर आपके मोबाइल या फिर कम्प्यूटर में RAM नहीं है तो आप गेम नहीं खेल सकतें है, whatsapp नहीं चला सकतें हैं और आप Videos भी नहीं देख सकतें इसीलिए हर System में इसका होना जरुरी है। RAM को Volatile Memory भी कहा जाता है क्योंकि इसमें डाटा कम समय के लिए ही स्टोर रहता है जब तक इसे Electricity मिलता रहेगा अर्थात जब तक कंप्यूटर या मोबाइल ON रहेगा तभी तक इसमें डाटा स्टोर रहेगा।

Primary Memory 

यह मेमोरी कंप्यूटर का Main Memory होता है, Present Time में जिस भी डाटा की आवश्यकता CPU को पड़ता वो सभी Data Secondary Memory से लाकर प्राइमरी मेमोरी में स्टोर कर दिया जाता है।

यह मेमोरी Semiconductor से बना होता है, कंप्यूटर या मोबाइल में जो भी Process चल रहा होता है वो सभी प्रोसेस से सम्बंधित Data इसी मेमोरी में Load रहता है। प्राइमरी मेमोरी दो प्रकार के होते हैं, RAM और ROM ।

RAM क्या है?

RAM मोबाइल और कम्प्यूटर दोनों में ही मौजूद होता है बिना इसके Mobile और Computer काम नहीं कर सकतें हैं। RAM (Random Access Memory) यह Computer की Short Term Memory होती है मतलब इसमें डाटा केवल तभी तक Store रहेगा जब तक Computer या Mobile ON रहता है।    जितना अधिक RAM (1GB, 2GB, 3GB, 4GB, 6GB) होगा उतना ही तेज़ी से आपका डिवाइस भी चलेगा।

RAM (Random Access Memory)

CPU इसके DATA को इसके मेमोरी में से Randomly अर्थात कहीं से भी Access मतलब इस्तेमाल कर सकता है इसीलिए इसे Random Access Memory कहा जाता है।

RAM बहुत सारे Cell से मिलकर बना हुआ होता है इसी Cell में डाटा स्टोर रहता है, Cell बहुत सारे Rows और Coloumn से मिलकर बना हुआ होता है, इनका खुद का Unique Address होता है इसी Unique Address से कम्प्यूटर डाटा को स्टोर और पुनर्प्राप्त करता है। जैसा की पहले मैंने आपको बताया की जब तक आपका मोबाइल और कम्प्यूटर ON रहेगा तभी तक RAM में Data Store रहता है. जब आप कोई गेम खेलते हैं उस समय इसमें उस गेम से सम्बंधित सारी जानकारियां Load हो जाती है और जब तक आप RAM क्लियर नहीं करते या फिर आपके device को OFF नहीं करतें तब तक Data वहाँ से नहीं हटता है.चलिए इसे एक उदाहरण से समझतें हैं, जब आप अपने सभी Files के काम को पूरा करना चाहतें हो तो आप उन सभी फाइल्स को आप अपने Desk पर रख कर काम कर सकतें हैं, लेकिन जब आपको और भी फाइल्स की जरुरत पड़ती है तब आप अपने दूसरे कमरे में जाकर आप उन सभी फाइल्स को लाते हैं और फिर से फाइल्स को डेस्क पर रख कर आप सारे काम पूरा करतें है, इसका मतलब यह हुआ की आपके पास जितने फाइल्स हैं उतना ही बड़ा desk भी होना चाहिए।  इसी तरह RAM भी काम करता है जो RAM है वह desk की तरह काम करता है और जो Hard Drive है वह कमरे की तरह काम करता है क्योंकि जिस तरह उस कमरे में आपके सारे फाइल्स थे उसी तरह Hard Drive में भी Data Permanently Store रहता है।

जब कम्प्यूटर को RAM से कोई भी डाटा लेना होता है तब वह उसके Unique Address का इस्तेमाल करके डाटा ले सकता है. जैसे की अगर एक RAM 5KB का है और उसके Cell का साइज 1 byte है, तो उसमे कुल 5*1024 = 5120 Address होंगे। 


RAM का फुल फॉर्म क्या है? (What is Full Form of Ram in Hindi)

RAM का फुल फॉर्म Random Access Memory होता है यह कम्प्यूटर का Fundamental element है यह काफी तेज़ और डाटा को स्टोर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है लेकिन इसमें शार्ट टर्म के लिए ही डाटा स्टोर हो सकता है।

जितना अधिक RAM होगा उतने सारे Apps को एक साथ आप अपने Mobile या Computer में चला सकतें हैं। हर एक मोबाइल (Android, Iphone) और कम्प्यूटर डिवाइस (Windows, MAC, Linux) में RAM होता है।

RAM के प्रकार 

तो अब आप RAM कितने प्रकार के होतें हैं यह जानेंगे, दो प्रकार के RAM होतें है.

1. Dynamic RAM 

2. Static RAM 

Dynamic RAM क्या होता है? 

इसे DRAM नाम से भी जाना जाता है, इसमें मौजूद Data को प्राप्त करने के लिए इसे Refresh करना जरुरी होता है क्योंकि जब यह refresh नहीं होगा तब तक इसमें Data भी नहीं रहेगा। इसीलिए इसे एक Refresh Circuit से भी जोड़ दिया जाता है. इसको बनाने के लिए Capacitor का इस्तेमाल किया जाता है Capacitor कुछ समय के बाद energy खोने लगता है मतलब Data delete होने लगता है इसीलिए इसे बार बार Refresh करना जरुरी होता है, DRAM का इस्तेमाल ज्यादातर System Memory बनाने  के लिए किया जाता है।

Characteristics of DRAM 

1. इसका इस्तेमाल Main Memory बनाने के लिए किया जाता है। 

2. काफी सस्ती होती है 

3. ज्यादा दिनों तक नहीं चलती 

4. बार बार Refresh करना जरुरी होता है 

5. दूसरों के मुकाबले इसका Size काम होता है 

6. इसको चलाने के लिए काम Power Supply की जरुरत पड़ती है 

Static RAM क्या होता है?

यह DRAM से बिलकुल उल्टा है यह Transistor से बना हुआ होता है, इसको लगातार Power Supply की जरुरत पड़ती है। इसे बार बार Refresh करने की कोई जरुरत नहीं पड़ती है, इसे DRAM से भी अधिक Chips की जरुरत पड़ती है।

जब तक इसे Electricity अर्थात Power Supply मिलता रहता है तब तक इसमें Data Store रहता है इसमें Capacitor का इस्तेमाल नहीं होता इसीलिए इसे Refresh करने की जरुरत भी नहीं पड़ती।

Characteristics of SRAM 

1. यह दूसरों के मुकाबले काफी महँगी होती है 

2. इसका इस्तेमाल Cache Memory बनाने के लिए किया जाता है 

3. इसकी Speed भी काफी ज्यादा होती है 

4. इसका Size काफी ज्यादा होता है 

5. यह महंगा होता है 

6. इसे काफी ज्यादा Power Supply की जरुरत पड़ती है 


PC RAM VS Mobile RAM 

क्या आप जानते हैं की PC और Mobile दोनों की RAM में फरक  होता है मोबाइल फ़ोन्स में LPDDR (Low Power Double Data Synchronous RAM) का इस्तेमाल होता है वहीँ दूसरी तरफ PC में PCDDR (Standard Double Data Synchronous RAM) का उपयोग किया जाता है।

LPDDR RAM का इस्तेमाल मोबाइल में इसलिए किया जाता है क्योंकि यह Power Save करता है और इसे ARM Architecture को ध्यान में रखकर Design किया गया है।

PCDDR RAM का इस्तेमाल PC में इसलिए किया जाता है क्योंकि यह Perfomance को बढ़ाता है और इसे Intel x86 Architecture को ध्यान में रखकर बनाया गया है।

आज कल मोबाइल का इस्तेमाल काफी ज्यादा बढ़ गया है इसिलए mobile में लगे RAM को Performance और Battery के बीच काफी अच्छा संतुलन बनाता है।

Conclusion:

हमें आशा है की इस लेख को पढ़ने के बाद आपके सवालों के जवाब मिल गए होंगे जैसे की RAM क्या है ? (What is RAM in Hindi), और इसके कितने Types होतें हैं और यह किस तरह काम करता है।

अगर आपके कुछ सुझाव हैं तो आप अपने सुझाव कमेंट में लिख कर हम तक पंहुचा सकतें हैं हमारी ईमेल के माध्यम से और अगर आपको यह लेख पसंद आया हो तो इस Article को आप Share जरूर करें.

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