मातृ दिवस पर माँ को समर्पित कविता - माँ
Saturday 7 May 2022
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कविता -माँ
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माँ एहसास है ममता का
माँ एहसास है प्यार का
त्याग का बलिदान का
प्रेम करूणा स्नेह संतान का।
हजारो कष्ट सहती है
पर कुछ न कहती है
संतान के सुख के लिए
गीले में भी सोती है।
नन्हे कदम मजबूत करे
हर ज्ञान का सृजन करे
शिक्षा देती हरपल मुझको
हर माँ गुरु सी होती है।
माँ के लिए शब्द नही
क्या इतना उपकार है
ये सारा जीवन तो
माँ का कर्जदार है ।
माँ के रखने भर से
सब दुःख दूर हो जाते है
माँ के आँचल में मानो
जन्नत का सुख पाते है ।
माँ से बिछुड़ना जैसे
जान अलग हो जाती है
बिन पानी के मछली जैसे
जीवन विहीन हो जाता है।
माँ से स्नेह उतना
जितना उसने तुम्हें दिया
जीवन भर संतान के खातिर
खुद को समर्पित किया।
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स्वलिखित एवं मौलिक रचना
लेखक
श्याम कुमार कोलारे
छिंदवाड़ा मध्यप्रदेश
मो. 98935 73770
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