आप किस जाति के है? मूलनिवासी या आर्य?
Friday 16 March 2018
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यह प्रमाणित चिरसम्मत जानकारी आपको अपनी मूल पहचान से सामना कराकर आपके भ्रम को दूर करने में सहायता करेगी कृपया इसे ध्यान से पूरा पढ़े और सुरक्षित रखे।
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प्रश्न 1: -- प्राचीन काल में भारतवर्ष में कौन-कौन सी जातियां निवास करती थी
उत्तर :--- प्राचीन भारत में द्रविड़ जाति निवास करती थी 5000वर्ष पुर्व सिंधु घाटी सभ्यता कालीन मुख्य नगर हड़प्पा और मोहन-जो-दड़ो थे। हड़प्पा और मोहन-जो-दड़ो यहाँ की प्रमुख राजधानियां थी ।मोहन-जो-दड़ो का राजा शंकर प्रतापी और शक्तिशाली राजा था ।
प्रश्न 2 :----आर्य कौन थे ?
उत्तर:--- आर्ये यूरेशिया देश से आए बर्बर जाति के लोग थे यह लोग जल मार्ग और थल मार्ग द्वारा भारत के सम -सैन्धव प्रदेश में आकर निवास करने लगे । यहां आकर अपनी पहचान छुपाकर आर्य नाम रख लिया क्योंकि आर्य का शाब्दिक अर्थ "श्रेष्ठ " होता है। कालांतर में यह लोग ब्राह्मण कहलाए ।
प्रश्न 3:--- आर्ये बर्बर लोग भारत में क्यों आए थे ?
उत्तर :---यूरेशिया में इन लोगों की उपद्रवी और अराजकता से परेशान वहां के शक्तिशाली राजा ने इन्हें देश निकाला दे दिया था । सर्वप्रथम बड़ी नाव में बैठाकर देश-निकाला देने के लिए समुद्र में छोड़ दिया जो भटकते हुए जल मार्ग से भारत में पहुंचे । इस दशा को उन्होंने शास्त्र में प्रलय का वर्णन बनाया । लिखा की प्रलय के कारण मनु और ईडा ने मनुष्य की जान बचाई । तब मनु से मनुष्य कहलाये ।ये मतगढ़न्त कहानी रची ।बाद में अन्य आर्य यूरेशिया में भौगोलिक पटल विरूपण (उत्तल पुथल) के कारण घोड़ों के माध्यम से अन्य बचे हुए आर्य भी भारत में आ गए ।
प्रश्न 4:--- आर्यो की क्या विशेषताएं थी ?
उत्तर:-- यह लोग गौरवर्ण घुंगराले बालों के , चंचल स्वभाव , छदमीे, छल कपटी और बर्बर पूर्ण तथा संस्कृत और ज्योतिषी के विद्वान थे। भारत में पहले घोड़े नहीं थे घोड़े यूरेशिया से साथ लाए थे प्रमाण "DNA रिपोर्ट 2001" के अनुसार इनकी सभ्यता मेसोपोटामिया की सभ्यता से मेल खाती है ।
प्रश्न 5 :--- सम-सैंधव प्रदेश में आर्यों ने अपनी क्या-क्या छदम लीलाएं दिखाईं ?
उत्तर :-- सम-सैन्धव प्रदेश में प्रवेश करते ही आर्यों ने हजारों सालों तक द्रविड़ो से युद्ध कर पराजित कर दिया ।अंत में द्रविड़ों को पराजित कर दक्षिकी ओर खदेड़ दिया कुछ को बंदी बना लिया ।अब इन्होंने वेदों की रचना शुरू कर दी ।ऋग्वेद सबसे पहले रचा। वेदों की रचना करने वाले मनिषी ब्रह्मा कहलाए बाकी अन्य आर्ये देवता कहलाये। कालांतर में इन्होंने पूरे देश में आधिपत्य स्थापित कर लिया और हजारों शास्त्र लिखे इन शास्त्रों में यहां के लोगों को राक्षस तथा स्वयं को देवता रूप में वर्णित किया गया बाद में इनमें बहुत प्रतापी राजा हुई है। इनका शक्तिशाली राजा इन्द्र था ।विष्णु नामक राजा हुई। नारद नाम का एक गुप्तचर प्रसिद्ध था। इनके अलावा अन्य सभी को शिक्षा से वंचित कर दिया और हजारों काल्पनिक ग्रंथ में वेद पुराण उपनिषद संहिता स्मृतियां ब्राह्मण ग्रंथ और भी अन्य काल्पनिक भयंकर काल्पनिक रूप में ग्रंथों की रचना की गई ।कभी हनुमान सूर्य निकल गए, कभी हनुमान पहाड़ उठा लाए, कभी पृथ्वी को राक्षस समुद्र में ले गए, कभी पत्थर पानी में तैरने लग गये और भी पता नहीं क्या-क्या इन्होंने काल्पनिक रचना की ।और आगे लिख दिया कि ब्राह्मण पर शक ना करें और देवताओं पर तर्क वितर्क ना करें ।ब्राह्मणों के खिलाफ बोलना पाप है ,आदि आदि।
प्रश्न 9 :---आर्ये देव, देव से ब्राह्मण बनने के बाद आर्यों पर क्या संकट आया।
उत्तर :-- जब इनके तानाशाही रवैये से लोग उब गए तो इन पर हावी होने लगे ।तब इन के राजा ऋषि मनु महाराज ने "मनुस्मृति" की रचना कर उसमे दंड विधान बनाया । चार वर्ण ,-ब्राह्मण ,क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र हुए और उनके कार्य बांट दिए गए ब्राह्मण को शिक्षा लेने और देने का कार्य दिया क्, क्षत्रियों को इनकी सुरक्षा करने का कार्य , वेश्य को धन की व्यवस्था करना तथा जो मूल निवासी थे भारत के उन को शुद्ध मान कर उक्त तीनों की सेवा करने का कार्य सौंपा गया ।शूद्र को शिक्षा से वंचित रखा गया। मनु ने आज्ञा पालन नहीं करने वाले के खिलाफ राजा द्वारा दंड देने का प्रावधान रक्षा ।
प्रश्न 7:--- आर्यों ने मूल भारतीय द्रविड़ जो आज देश के 85% लोग हैं उनको राक्षस क्यों माना गया?
उत्तर:--- आर्यों ने मूल भारतीय (एसटी /एससी ओबीसी/) के लोगों की जन्मभूमि पर अधिकार कर लिया था ।द्रविड़ ने अपनी मातृभूमि प्राप्त करने के लिए आर्यों से हजारों वर्षों तक युद्ध करते रहे ।आर्यों के शक्तिशाली राजा विष्णु ने छापामार युद्ध द्वारा कही द्रविड़ राजाओं जैसे हिरण्याक्ष हिरण्यकश्यप इत्यादि का धोखे से वध कर डाला । भविष्य में जनता विद्रोह ना कर दे इस डर से शास्त्रों में बढ़ा चढ़ाकर गलत वर्णन किया गया अतः सारे के सारे ब्राह्मण शास्त्र झूठे और काल्पनिक है ।अतः मूल भारतीयों को शास्त्रों में राक्षस बताया गया क्योंकि शिक्षा का अधिकार केवल ब्राह्मणों के पास ही था ।शूद्र शिक्षा से वंचित थे ।आज भी ब्राह्मण हमारे बच्चों की जन्मपत्री और कुंडली में हमारे लिए राक्षस और शूद्र शब्द का इस्तेमाल करते हैं ।
प्रश्न 8 :-- मनुवाद और मनु व्यवस्था क्या है ?
उत्तर:-- आर्यों के आतंक से परेशान लोग आत्मनिर्भर होने लगे तो ब्राह्मणों की आजीविका पर संकट आ गया। तो एक तानाशाही आर्ये मनु ने मनुस्मृति रूपी "मनु दंड विधान " की रचना की और क्षत्रियों के माध्यम से समाज में जबरदस्ती लागू कराया गया। इसके विधान के अनुसार ब्राह्मण ही शिक्षा देगा और ब्राह्मण और क्षत्रिय वेश्य ही शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। द्रविड़ आज के एसटी एससी ओबीसी के व्यक्तियों को शिक्षा का अधिकार नहीं था यदि कोई प्रतिभाशाली द्रविड़ चुपके से भी शिक्षा प्राप्त कर लेता था तो उसे राजा द्वारा दंड दिया जाता था ।उदाहरण के लिए "एकलव्य में प्रतिभा होने से धनुर्विद्या प्राप्त कर ली तो द्रोणाचार्य ब्राह्मण ने जबरदस्ती उसका अंगूठा कटवा दिया था" और शास्त्रों में जनता विद्रोह के डर से गुरु दक्षिणा का नाम लेकर गलत वर्णन किया गया । चतुर आर्ये कृष्ण में शक्तिशाली आदिवासी बर्बरीक का धोखे से सिर काटकर सजा दी। जनता विद्रोह के भय से "शीश का दान " देने का गलत वर्णन किया गया । अर्थात पूरा का पूरा छल कपट रामायण और महाभारत एवं अन्य शास्त्रों में रूप बदलकर गलत वर्णन किया गया। बाली को छुपकर मारा गया क्योंकि बाली आदिवासियों का शक्तिशाली द्रविड़ राजा था। आर्ये शक्तिशाली द्रविड़ राजाओं को धोखे से मारकर कमजोर को राजा बनाते थे। जैसे विभीषण सुग्रीव इत्यादि प्रत्यक्ष उदाहरण है ।
प्रश्न 9 :---- अंग्रेजों का भारत आने पर क्या प्रभाव पड़ा और अंग्रेजों को भगाने की पहल किसने की ?
उत्तर :-- भारत में 85% लोग, ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य के चुंगल से फंसे हुए थे।। भारत में आदिवासी और दलितों की दशा बड़ी ही खराब थी उन्हें तो केवल उच्च वर्ग की सेवा का ही अधिकार था अंग्रेजों ने 1842 में संपत्ति रखने का अधिकार दिया और द्रविड़ों, दलितों और आदिवासियों को संपत्ति रखने का ,तथा शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार अधिनियम बनाए। मूल निवासियों को शिक्षा का अधिकार देने वाले अधिनियम बनाये। 85% मूल निवासियों को शिक्षा का अधिकार दिया ब्राह्मणों में समाज में जागृति लाने वाले अंग्रेजों को गलत प्रचार कर भगाने का षड्यंत्र रचा । इस आंदोलन में एक भी ब्राह्मण शहीद नहीं हुआ। आंदोलन चलता रहा स्वयं सुरक्षित रह कर अन्य समाज के व्यक्तियों को गुमराह करते रहे।
प्रश्न 10 :-- अंग्रेजों के जाने के बाद समाज में क्या जागृति आयी ?
उत्तर :-- अंग्रेजों के जाने के बाद समाज में महापुरुषों का उदय हुआ । डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी ने आदिवासी और दलितों की दयनीय स्थिति पर गिद्ध की दृष्टि जमाए बैठे ब्राह्मण एवं उच्च वर्ग के लोगों से बचाने के लिए मेहनत कर भारतीय संविधान का निर्माण किया और उसे लागू किया ।
प्रश्न 11:-- संविधान की मुख्य विशेषता थी ?
उत्तर :--डॉ .भीमराव अंबेडकर जी ने भी मनु के समान ही संविधान बनाया। मनु ने चार स्तंभ बनाए थे ब्राह्मण वैश्य क्षत्रिय शूद्र अंबेडकर जी ने भी संविधान में चार स्तंभ बनाएं न्यायपालिका ,व्यवस्थापिका कार्यपालिका, मीडिया और प्रेस ।इन चारों पर ही दलितों और आदिवासियों जो पिछड़े हुए थे ,उनको आरक्षण की व्यवस्था की लेकिन निकम्मी सरकारों ने आज तक आरक्षण लागू ही नहीं किया इससे पहले ही थोड़े से आरक्षण को हटाने में लग गए ।
प्रश्न 12 :-- आदिवासियों , मूल निवासियों , दलितों को समाज में बराबर लाने के लिए अंबेडकर जी ने क्या किया
उत्तर:--- उच्च वर्ग और समाज के बराबर लाने के लिए संविधान में प्रतिनिधित्व (आरक्षण) की व्यवस्था का सहारा लिया ताकि दलित और पिछड़ा लोग जो 5000 साल से बिछड़े थे स्वर्ण जाति के लोगों की बराबर आ सके ।
प्रश्न 13 :----दुर्भाग्य पर प्रकाश डालिए ?
उत्तर :---- दुर्भाग्य है कि आज भारत आजाद होते हुए 70 साल हो गए फिर भी सरकार के चारों स्तंभ न्यायपालिका ,कार्यपालिका व्यवस्थापिका ,मीडिया प्रेस में आर्यों का ही बराबर कब्जा है। उच्च पदों पर बैठे स्वर्ण जाति के व्यक्ति समाज पर अत्याचार और अन्याय कर रहे हैं दलितों और आदिवासियों को आगे बढ़ने से गुपचुप रूप से रोकते हैं बताओ क्या भारत आजाद है ।इन लोगों को चुनाव आते ही "राम मंदिर, गाय ,हिंदू , RSS आदि याद आते हैं और समाज में अत्याचार करवा रहे हैं ।भगवा आतंकवाद का चोला पहनकर यह लोग घोटाले ,वोटिंग मशीन छेड़छाड़ , आरक्षण हटाओ ,मनु व्यवस्था वापस लाओ, हिंदू हिंदू , महापुरुषों की प्रतिमा की प्रतिमा गिराओ ,जैसे कार्यों में लिप्त रहते हैं । देश का सबसे बड़ा दुर्भाग्य यही है। अब तो जागो 85% मूल निवासियों एसटी एससी ओबीसी तुम पर 15% आर्य (विदेशी ) शासन और अत्याचार कर रहे हैं
:--मूलभारतवासी🙏
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