मौजूदा पलों का सर्वोत्तम सदुपयोग ही विजय दिलाता है।
Thursday 26 December 2019
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"जब चाहत समय सीमा में बांधा जाता है तो प्रकृति में हड़कंप मच जाता है"
स्वयं को कम समझकर ख़ुद के प्रति आघात करते हैं। ख़ुद पर भरोसा, परसेवा के मूल्य और स्वयं से प्रतिस्पर्धा रखना नेतृत्व के गुण होते हैं। युवा अपने जीवन से अप्रासंगिक चीजें निकालकर स्वयं को प्रासंगिक बना सकते हैं। जिंदगी ऊर्जा का नृत्य है, मौजूदा पलों का सर्वोत्तम सदुपयोग ही विजय दिलाता है। लम्हों को अपने अंदाज में जीना चाहिए। जिंदगी पछतावे के लिए नहीं, बहानों के लिए नहीं है, जिंदगी जमीं पर ऐसा किरदार निभाने के लिए है कि जमाना मिसाल दे। शक, डर व कायरता नेतृत्व की परिभाषा में नहीं आते। सही लीडर को हर रोज अपनी हदों से गुजरना पड़ता है, किसी की कोई भी अंतिम सीमा नहीं होती है। जब चाहत को समय सीमा में बांध दिया जाता है तो प्रकृति में हड़कंप मच जाता है। विजेता व पराजित सोच से बनते हैं। युवा अपनी प्राथमिकताएं निर्धारित कर समय प्रबंधन कर अपने अंदर नेतृत्व कौशल विकसित कर सकते हैं। दैहिक शक्तियों का संपूर्ण प्रयोग अपने लक्ष्य पर करना ही सफलता की मंज़िल दिलाता है। युवा भीड़ का नेतृत्व करें न कि भीड़ का हिस्सा बनें। जीवन को रोमांच से जीएं। जिला युवा समन्वयक के. के. उर्मिल्या ने कहा कि युवा चुनौतियों में पलकर व्यक्ति साहसी बनता है। हर कामयाब आदमी वह करता है जो उसे अच्छा नहीं लगता है। सुश्री प्रीतम सरोहा ने कहा कि विजयी बनने के लिए कुछ विशेष करना पड़ता है, बनी बनाई लकीर पर नहीं चलना पड़ता है।ओम कोलारे ने कहा कि युवा संस्कारों से सुसज्जित होकर जीवन को अपने उत्कृष्ट स्वरूप में जीएं।
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