महगाई की चक्की में पिसता आम आदमी
लेखक : श्याम कुमार कोलारे
चारगांव प्रहलाद, छिन्दवाड़ा
संपर्क : 9893573770
कोरोना ने कमर तोड़ी
ढप हुए सब काज”
महगाई को लेकर आजादी के बाद से कई कोशिशे एवं निति पर कार्य किया गया परन्तु महगाई तो जैसे हनुमान की पूँछ हो गई है जो रुकने का नाम ही नहीं लेती l लॉकडाउन के दौरान जब सभी लोग अपने घरो में रहकर कोरोना की चैन को तोड़ने में लगे थे उसी समय लोगो की मजबूरी का फायदा उठाने में जमाखोरी और कालाबाजारी चरम सीमा पर जा रही थी l इस समय जब लोग के पास खाने के लाले पड़े थे और कुछ लालची वर्ग इनकी मजबूरी पर जेब में घात लगाये बैठे थे l जैसे ही दूसरे दौर का देशव्यापी लॉकडाउन की सूचना जैसे ही लोगो को मिली; जनसमूह उलट पड़ा बाजारों की ओर और व्यवसाइयों की तो जैसे मौज हो गई l मनमाने दामो में सामानों का दाम बेचते देखा गया l 5 किलोग्राम का आता जो सामान्यतः 150 का आता था वह रातोरात 200 पार हो गया l किराना सामान और रोजमर्रा के सामानों की कीमतों में रातोंरात बढोतरी नजर आई l साग-सब्जिओं एवं फलों की कीमत आसमान छू लिए l ऐसे में लोगों के कामकाज और व्यवसाय भी बुरी तरह प्रभावित हुआ l लोगों की अब पहले से ज्यादा परेशानी बढ़ गई है l क्योंकि अचानक से महंगाई भी बढ़ गई है l कोरोना काल के बाद अब आम आदमी महंगाई की मार से भी परेशान है l इस समय लगभग हर चीज की कीमत पिछले महीने की तुलना में काफी ज्यादा बढ़ गई है l कीमत बढ़ने के कारण लोगों के थाली से पौष्टिक आहार गायब हो गए l कोरोनाकाल में आम लोगो का जीवन जैसे चरमरा सा गया था और इस दौर में लोगो का काम-धंधा बंद हो गया था l
जुलाई माह की शुरुआत के साथ ही कई सेवाओं व वस्तुओं के दाम बढ़ गए हैं। घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत में 25 रुपए 50 पैसे का इजाफा हुआ हो गया वही कमर्शियल गैस सिलेंडर में 79 रुपए 50 पैसे की वृद्धि हुई है l भोपाल में घरेलू गैस सिलेंडर अब 840 रुपए 50 पैसे में मिलने लगा है l पहले यहां घरेलु गैस सिलेंडर की कीमत 815 रुपए थी l इसी तरह कमर्शियल गैस सिलेंडर खरीदने के लिए 1559 रुपए देने पड़ रहे है l पहले इसकी कीमत 1480 रुपए थी l महगाई के इस प्रकार चरम सीमा में पहुचने से प्रधानमंत्री उज्वला योजना का ग्रामीण स्तर पर काफी प्रभाव देखने के लिए मिल सकता है l जो व्यक्ति जैसे तैसे अपने राशन की व्यवस्था किये है उनके लिए इतनी महगी रसोई गैस खरीदना जिसे गरीबी में गीला आटा हो गया है l पेट्रोल की कीमतों में हो रहे बदलाव के चलते भोपाल में आज पेट्रोल के दाम 108.09 रूपये प्रति लीटर पहुंच गए हैं, वही डीजल के दाम 98.06 प्रति रूपये प्रति लीटर पहुँच गए हैं ।
ईलाज में महगाई का रूप -
कोरोना के दूसरे दौर में अपेक्षाकृत ज्यादा लोग प्रभावित हुये l इस दौर में सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ निजी अस्पतालों में भी बेड कम पड गए थे l साधन संपन्न लोग का निजी अस्पतालों की ओर ज्यादा रुख रहा l जहाँ अस्पताल में मनमाने ढ़ंग से उनसे वसूली की गई, मजबूरी थी दवाईयों की किल्लत के नाम पर ब्लेक में दवाई एवं इंजेक्शन बढ़ी कीमतों में बेचे गए और इस समय में लोग करते भी क्या जान है तो जहाँ है सोचकर लोगो ने अपना सब जमा पूंजी यहाँ तक कर्जा लेकर ही इलाज करवाया l हर चीजो की कीमत में बढ़ोतरी ठगा सा हो गया था आम आदमी !
पेट्रोलियम ईधन पर महगाई की मार-
पेट्रोलियम ईधन के दामों में बढ़ोतरी देख लीजिये, पेट्रोल और डीजल की बढ़ी कीमतों के कारण परिवहन शुल्को में भी बढ़ोतरी होना लाजमी है ऐसे में इसका सीधा प्रभाव सभी रोजमर्रा एवं अन्य सामानों की कीमतों में भी बढ़ोतरी होगी l साधन संपन्न लोगो महगाई आदि का प्रभाव उनके आय के अनुसार संतुलन बना लेते है परन्तु आम आदमी तो इससे दिन-रात जूझता हुया और महगाई से पिस्ता हुआ महगाई की मार झेल रहा है l
पढ़ाई, टेलेंट पर भारी महगाई
आज की पढ़ाई के बारे में भी सोचे तो बच्चों की पढ़ाई भी इतनी महंगी हो गई है कि जैसे आम आदमी ऊँची शिक्षा के लिए सोंचे ही न ! इंजीनियरिंग, मेडिकल, आईटी, आईआईटी आदि पढ़ाई गरीबो के लिए चाँद से तारे तोड़कर लाना जैसे हो गया है l आज कोरनाकाल में जहाँ स्कूल कॉलेजों में पढ़ाई नहीं हो पा रही है, परन्तु फीस वसूली का मीटर लगातार चल रहा है ; फीस के नाम पर केवल चंद घंटों की ऑनलाइन क्लास और मोबाइल लेपटॉप में पढ़ाई l यही कारण है कि गरीबो के लिए उच्च शिक्षा एक सपना जैसे हो गई है l महगाई के कारण बच्चे आज क्लास और कोर्स का चयन इसकी फीस के आधार पर करते है उनके टेलेंट का आधार पर नहीं क्योकि टेलेंट पर महगाई भारी हो रही है l
मध्यम वर्गीय को महगाई की मार
मध्यम वर्गीय सबसे ज्यादा प्रभावित आम जनता भी इस महंगाई को लेकर परेशान है, उनका भी कहना है कि हम लोग मिडिल क्लास फैमिली के हैं l लॉकडाउन के कारण हमारा व्यवसाय चौपट हो गया है; लेकिन खाना जरूरी है, खाना नहीं खाएंगे तो जिंदा कैसे रहेंगे l पहले जैसा खाना भी अब हमारे यहां नहीं बनता है l उनका यह भी कहना है कि कोरोना के कारण इम्यून दुरुस्त करने के लिए कई तरह के खाद्य पदार्थ बाजार में है l जीवन बचाने के लिए हम लोग सेवन भी हैं l लेकिन उसके जगह में दूसरे जगह कमी भी कर रहे हैं l
ये कहना गलत नहीं होगा कि संक्रमण के साथ-साथ पेट्रोल डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी दूसरे राज्यों से समान नहीं आना और बाजार से पैसा का गायब होना महंगाई का कारण है l आने वाले दिनों में भी महंगाई का असर बाजार में दिखेगा l देखने वाली बात होगी की स्थिति सामान्य कब होती है और कब महंगाई का ग्राफ गिरता है l
“कोरोना आया जैसे अतिथि कोई आया
जाने का वो नाम न लेवे घर में पैर जमाया
त्राहि-त्राहि कर गया ऐसी सेवा करवाया
राजा रंक सब फसे ऐसा ताण्डव मचाया”
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