।।मनुवाद के रखवाले जग जाओ।।
Sunday 4 July 2021
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।।मनुवाद के रखवाले जग जाओ।।
रचनाकार : डॉक्टर परशुराम आठनेरिया, इंदौर
मनुवाद की रखवाली करने वाले
अपना घर क्यो नही भाता है।
गोबर की तो पूजा करता,
कौआ को बाप बनाता है।
तैतीस कोटी देव रक्षक तेरे,
कोरोना से क्यो घबराता है।
धनदेवी लक्ष्मी घर मे बैठी ,
जापान के आगे क्यो हाथ फैलाता है।
मंदिरो के खजाने खोलकर मनुपुत्रो,
भारत की गरीबी क्यो नही मिटाता है।
कौआ को बाप बनाए, गाय को माता।
भ्रमित करने मे माहिर,
झूठ को सच बताता है।
मनुवाद की रखवाली करने वाले,
अपना घर क्यो नही भाता है।
जागो प्यारे बहुजन जागो,
मनुघर तुम्हे फसाता है।
भीम ज्ञान बाप तुम्हारा,
शिक्षा ही माता है।
संविधान की रक्षा करलो,
यही तुम्हारा विधाता है।
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