सफलता का मूलमंत्र - “समय प्रबंधन”
हम सबने लोगो से यह कहते अक्सर सुना होगा कि आज के परिवेश में जीवन इतना व्यस्त हो गया है कि उन्हें अपने लिए समय नहीं मिल रहा है। अपने जीवन में जिम्मेदारी, कर्तव्यबोध एवं अपने परिवार के लिए समर्पित होने से अपने लिए समय निकलना एक चुनौती बनी हुई है l इस कारण से हर कार्य के लिए समय प्रबंधन और जरूरत बन जाता है । समय प्रबंधन मानव जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । यदि जीवन में सफल एवं एक मुकम्मल मुकाम हासिल करना है तो अपने समय का प्रबंधन करने की आवश्यकता है। समय प्रबंधन के कारण अपने आप को भीड़ से हटकर अलग पहचान बनाना और दूसरो के लिए प्रेरणा बनते हुए बहुत सारे लोगो ने आसपास बहुत से लोगो को देखा जा सकता है l सफल जीवन के लिए समय प्रबंधन बहुत जरुरी है l दैनिक जीवन में हमें एक दिन में केवल चौबीस घंटे मिलते हैं। और एक दिन में पूर्ण होने वाले काम में हमें इतने समय में ही सभी कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर करना पड़ता है l इसलिए हम एक दिन में सब कुछ नहीं कर सकते। समय हमारे रोजमर्रा के काम में सीमाएँ में बांधता है । दैनिक काम, सामाजिक जीवन और नींद का प्रबंधन करने के लिए, समय का विभाजन महत्वपूर्ण है। इसके लिए एक खास तरीके से समय का विभाजन जरूरत है। इससे व्यक्ति को अपने सभी कार्यों को पूरा करने में मदद मिलेगी।
जरुरी कामो को प्राथमिकता के आधार पर करना का नियोजन बनाना आवश्यक है l हमें अपने सही जरुरी एवं महत्वपूर्ण कार्यों की एक सूचि और लिखित एवं मानसिक हो सकती है को बनाना होगा जिससे प्राथमिकता के आधार से सभी कामो के लिए पर्याप्त समय मिले एवं सभी कार्य अपने समय पर पूर्ण हो l कई बार हमारी समय पर काम न करने पर बहुत बड़े नुकसान का सामना करना पड़ सकता है l आपके काम की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। विकास की राह में समय की बरबादी ही सबसे बङा शत्रु है। एक बार हाथ से निकला हुआ समय कभी वापस नही आता है। हमारा बहुमूल्य वर्तमान क्रमशः भूत बन जाता है जो कभी वापस नही आता। सत्य कहावत है कि बीता हुआ समय और बोले हुए शब्द कभी वापस नही आ सकते। हमें किसी भी काम को कल पर नही टालना चाहिए क्योंकि आज का कल पर और कल का काम परसों पर टालने से काम अधिक हो जायेगा। बासी काम, बासी भोजन की तरह अरुचीकर हो जायेगा। समय जैसे बहुमूल्य धन को सोने-चाँदी की तरह रखा नही जा सकता क्योंकि समय तो गतिमान है। इस पर हमारा अधिकार तभी तक है जब हम इसका सदुपयोग करें अन्यथा ये नष्ट हो जाता है। समय का उपयोग धन के उपयोग से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि हम सभी की सुख-सुविधा इसी पर निर्भर है।
समय का प्रबंधन प्रकृति से स्पष्ट समझा जा सकता है। समय का कालचक्र प्रकृति में नियमित है। दिन-रात, ऋतुओं का समय पर आना-जाना है । यदि कहीं भी अनियमितता होती है तो विनाष की लीला भी प्रकृति सीखा देती है। समय की उपेक्षा करने पर कई बार विजय का पासा पराजय में पलट जाता है। समय के गर्भ में लक्ष्मी का अक्षय भंडार भरा हुआ है, किन्तु इसे वही पाते हैं जो इसका सही उपयोग करते हैं। समय तो उच्चतम शिखर पर पहुँचने की सीढी है। जीवन का महल समय की, घंटे-मिनटों की ईंट से बनता है। प्रकृति ने किसी को भी अमीर गरीब नही बनाया उसने अपनी बहुमुल्य संपदा यानि की चौबीस घंटे सभी को बराबर बांटे हैं। मनुष्य कितना ही परिश्रमी क्यों न हो परन्तु समय पर कार्य न करने से उसका श्रम व्यर्थ चला जाता है। वक्त पर न काटी गई फसल नष्ट हो जाती है। असमय बोया बीज बेकार चला जाता है। जीवन का प्रत्येक क्षण एक उज्जवल भविष्य की संभावना लेकर आता है। क्या पता जिस क्षण को हम व्यर्थ समझ कर बरबाद कर रहे हैं वही पल हमारे लिए सौभाग्य की सफलता का क्षण हो। आने वाला पल तो आकाश कुसुम की तरह है इसकी खुशबु से स्वयं को सराबोर कर लेना चाहिए। ये कहना अतिशयोक्ति न होगी कि, वक्त और सागर की लहरें किसी की प्रतिक्षा नही करतीं। हमारा कर्तव्य है कि हम समय का पूरा-पूरा उपयोग करें।
जिस समय जो काम उचित हो उस समय वही काम करना चाहिए। निर्धारित समय पर निर्धारित काम करने वाला व्यक्ति ही जीवन में सफलता को प्राप्त कर सकता है। अपेक्षा है व्यक्ति समय के मूल्य को पहचाने। संसार में एक कीमती तत्व है “समय” । दूसरी कीमती चीजें यदि खो जाएं तो उन्हें दुबारा प्राप्त किया जा सकता है किन्तु समय एक ऐसी चीज है जिसे खोने के बाद दुबारा कभी नहीं पाया जा सकता। जागरूकता के साथ समय का नियोजन करने वाला व्यक्ति सौभाग्यशाली होता है और वह सफलता के उत्तुंग शिखर तक भी पहुंच सकता है।
आप कितने घंटे काम करते हैं, यह महत्त्वपूर्ण नहीं - उन घंटों में आप क्या काम करते हैं, यह महत्त्वपूर्ण है।
लेखक
श्याम कुमार कोलारे
सामाजिक कार्यकर्ता/ युवा लेखक
छिन्दवाड़ा (म.प्र.)
मो. 9893573770
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