शिक्षक के लिए सच्ची श्रद्धा
समस्त शिक्षक को समर्पित
शिक्षक से मिलता है ज्ञान,शिक्षा से मिलता सम्मान,
शिक्षक विद्या की है खान,शिक्षक बनाते हमें महान l
शिक्षक दिवस आते ही लोगों के मन में शिक्षक के प्रति श्रद्धा उमड़ पड़ती है, आखिर हो भी क्यों न शिक्षक का हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण स्थान होता है । आखिर हमारे पास जो ज्ञान, समझ, बुद्धि है वह सब हमारे शिक्षक की ही दें है l 5 सितंबर को सारा देश में शिक्षक दिवस के रूप में मनाता है, इस दिन विभिन्न संस्थाएं, समाजसेवी, स्कूल, कॉलेज आदि संस्थाएं इसे बड़े संयोजित तरीके से मनाता है l शायद इसी से हमारे छात्रों में शिक्षक के प्रति श्रद्धा आस्था जीवित है l बहुत सारे छात्र-छात्राएं अपने शिक्षक के प्रति वफादरी के रूप में शिक्षक दिवस को मनाने की भरसक प्रयास करते हैं, पर क्या शिक्षक दिवस केवल शिक्षक दिवस के दिन ही मनाया जाना चाहिए! शिक्षक के लिए केवल एक ही दिन निश्चित है; जिस दिन उन्हें मान, सम्मान मिलना चाहिए ! क्या बाकी दिनों के लिए शिक्षक की एक प्रति जो सम्मान है वह कम हो जाता है? नहीं वेशक नहीं शिक्षक हमारे लिए हर समय सम्मान के पात्र है, हर शिक्षार्थी को शिक्षक का मान-सम्मान हर दिन वैसी ही होना चाहिए जैसा शिक्षक दिवस के दिन l
आज के समय में जब सारा समाज डिजिटल होते जा रहा है शिक्षक एवं शिक्षा का परिवेश भी अपडेट होते जा रहे हैं ऐसी परिस्थिति में शिक्षक के साथ-साथ का शिक्षा का तरीका भी बदलाब आते जा रहा है l पर शिक्षक तो हमारे वही है जो हमें शिक्षा देते है, आज शिक्षा के निजीकरण ने शिक्षक के प्रति एक नजरिया में बदलाब लाया है l पैसा से शिक्षा खरीदी बेचीं जा रही है l कुछ शिक्षक अपनी योग्यता एवं ज्ञान को मूल्यों से आंकते है l कोई उस शिक्षा को पैसा के बदले खरीदा रहा है; ऐसी शिक्षा एवं शिक्षक के प्रति नजरिया में परिवर्तन आना स्वाभाविक है l अरस्तु आज के समय में ये बदलाव बहुत अधिक देखने को मिलता है फिर भी हमारे समाज में आज भी शिक्षक के प्रति सम्मान में कोई कमी नहीं नहीं आई है l वस इसका परिवेश जरुर बदला है l हमारे शिक्षक जिन्होंने हमें शून्य से अनंत तक पहुंचाने में अपना पूर्ण योगदान दिया है l
बस मन में एक प्रश्न कुण्डली मारे बैठा है कि शिक्षक दिवस के दिन ही शिक्षार्थियो में वह उमड़ाव रहता है अथवा एनी दिवस भी रहता होता l क्या यह सैलाब समय विशेष पर ही उमड़ते है आते हैं; शिक्षक के प्रति सम्मान, श्रद्धा, भक्ति के लिए भी एक दिन निश्चित होना चाहिए! क्या शिक्षक का सम्मान हमारा मौलिक कर्तव्य होना चाहिए हर रोज शिक्षक दिवस जैसा सम्मान होना चाहिए l शिक्षक दिवस के 1 सप्ताह पूर्व से और शिक्षक दिवस के 1 सप्ताह बाद तक सोशल मीडिया,समाचार पत्र, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, न्यूज़ चैनल तमाम ऑनलाइन प्लेटफॉर्म में शिक्षकों के प्रति श्रद्धा, मान, सम्मान की जैसे बाढ़ आ जाती है और शिक्षक दिवस निकलते ही निल-बटे-सन्नाटा ! क्या यह चरित्र हमारा एक दिखावे मात्र है या फिर हम वास्तव में शिक्षक के प्रति कृतघ्नभाव रखते है इसे मन की गहराई से सोचने की आवश्यकता है l
शिक्षक दिवस पर सोशल मीडिया हो या व्हाट्सएप स्टेटस,डीपी लगाने की बात, डीपी में भी दिवस की बधाई एवं शिक्षक दिवस की फोटो की भरमार मिलेगी पर क्या इस दिन के बाद भी शिक्षक याद आते है! क्या किसी ने हमारे शिक्षक के बारे में उनके सुख-दुख के बारे में पूछा है कि ये कैसी स्थिति में है, कैसे रह रहे हैं, उनकी परिस्थिति क्या है, क्या इसकी चिंता कभी किसी ने की है? हमारे बहुत सारे ऐसे शिक्षक जिन्होंने अपना संपूर्ण ज्ञान हम पर समर्पित कर दिया और हम एक अच्छे मुकाम तक पहुंचा दिया, क्या हम मुड़कर हमारे शिक्षक को देखते हैं कि हमारे शिक्षक अभी किस परिस्थिति कैसे है, किस हालात में रह रहे हैं! यदि हम शिक्षक के बारे में वास्तव में सच्ची श्रद्धा रखते हैं तो हमें हमारे शिक्षक के बारे में एक बार जरूर जनना चाहिए एवं उनसे मिलना चाहिए है l
चलो इस शिक्षक दिवस पर शिक्षक के हालचाल के बारे में हम पता लगाएं और ढूंढ कर उनका फोन नंबर ले, हो सके तो उनके घर जाकर उनसे मिले एवं आशीर्वाद ले, उनका हालचाल पूँछें l यही हमारी सच्ची श्रद्धा होगी और शिक्षक के प्रति हमारा सच्चा सम्मान होगा l पता नहीं कौन सा शिक्षक किस हाल में होगा l पता लगाये की हमारे बचपन के शिक्षक इस दुनिया में अभी है भी या नहीं यदि हमने वास्तव में शिक्षक के बारे में जानने की कोशिश की, उनका सुख-दुख पूछा उनका आशीर्वाद लिया, यही आशीर्वाद हमें एक अच्छे व्यक्तित्व की पहचान कराएगा l
लेखक
श्याम कुमार कोलारे
सामाजिक कार्यकर्त्ता,छिन्दवाड़ा (म.प्र.)
मोबाइल 9893573770
Email - shyamkolare@gmail.com
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