जज्बातों को छुपाते रहिए
Wednesday, 23 February 2022
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ना चाहते हुए भी आप अपनों को बुलाते रहिए
मनमुटाव लाख सही मगर रिश्ते निभाते रहिए।
रिश्ते निभाते हुए जिनके अरमान अभी सोए है
सोए हुए उन अरमानों को यकीनन आप जगाते रहिए।
आप अपने गमों को अपने सीने में दफन करके रखना
मगर जो आए हैं तुमसे मिलने उनको तो हंसाते रहिए।
जिंदगी इसी को कहते है इसे जीना भी है चार दिन
उम्मीद रखो दिल में और पतझड़ में फूल खिलाते रहिए।
तूफान उठा है तुम्हारे सीने में यह बात वो नहीं जानते
इसीलिए अपने ही जज्बातो को औरों से छुपाते रहिए।
अगर मोहब्बत की है तो उसे निभाने की कूवत भी रखो यारो
नफरत ही बुरी बला है जिंदगी में उसको मिटाते रहिए।
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सीताराम पवार
उ मा वि धवली
जिला बड़वानी
9630603339
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