एक नहीं दो-दो मात्राएं नर से भारी नारी, Not one or two quantities, a woman is heavier than a man
Tuesday 8 March 2022
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// एक नहीं दो-दो मात्राएं नर से भारी नारी //
पिया गए परदेस कमाने सब हरसाने
लौटे जब वह देश खुशी के नहीं ठिकाने
घर बाहर चहुँ ओर मचा था शोर देखने
सौगात अचंभित लाए हैं सब हुए दिवाने
शीशा लेकर आयो उसको बैठक में लटकायो
मैंने अपना चेहरा देखो सुन्दर मुखहि दिखायो
बीच सहेली आकर बोली!ये सौतिन ले आयो
इसी बीच आगयो लाड़लो देखि बहुत हरसायो
कितनी सुन्दर मेरी मम्मी क्यों अचरज में आई
शीशा में तुम ही दिखती हो क्यों कर करत लड़ाई
शीशा की महिमा बतलाऊं जो रामायण बतलाई
राजा दशरथ जब दर्पण देखो मन चिंतित हो जाई
शीशा की महिमा अति न्यारी दशरथ ने समझाया
बाल सफेद दिख रहे प्रियतम कौशल्या बतलाया
असली नकली का भेद बता शीशा के गुण गाया
रामहि राज तिलक करने का निर्णय उन्हे सुनाया
विधिना की रचना की होंनी शीशा कर दिखलाया
दशरथ जी के प्राण गए रामहि वनवास कराया
रावण ने जब देखा तुझमें बरबस घमण्ड बताया
यौवन का उनको भाव दिखा लंका दहन कराया
कविवर जब घर बापस आए डांट बहुत ही पायो
क्या तुमने मांगा यह शीशा समझ हमें नहिं आयो
कौन बहुरिया लेकर आए उसको कहां छुपायो
मेरी सौतिन मेरी जैसी दर्पण ने दिखलायो
समाधान हो सोचो प्रियवर तुम अति सुंदर नारी
देखो तुम प्रिय इस दर्पण में तुम हो राजकुमारी
रूप तुम्हारे हैं अनेक पर नाम एक ही प्यारी
एक नहीं दो-दो मात्राएं नर से भारी नारी
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