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आज विश्व नारी Today wold woman

आज विश्व नारी Today wold woman

आज विश्व नारी (महिला) दिवस पर विशेष --
नारी पर विशेष प्रस्तुति
          
चार कुंडलियाँ
1--
नारी है नारायणी, सबकी पालन

हार
देती है वह जन्म तो, होता विश्व-प्रसार
होता विश्व-प्रसार, पीढ़ियाँ बढ़ती जातीं
जीवन का आधार, नारियाँ वंश बढ़ातीं
भले सहे संत्रास, नहीं फिर भी वह हारी
करे सृजन संभाव्य, नमन है तुझको नारी

2--
नारी नर की माँ,सुता, बहन,भामिनी,मित्र
नर उसको मैला करे, पर वह स्वयं पवित्र
पर वह स्वयं पवित्र, प्रेम की निर्मल धारा
पग-पग देती साथ, पुरुष का बने सहारा
कैसा पुरुष-समाज, बनाता विवश-विचारी
नर है स्वयं अपूर्ण, रही है पूरक नारी

3--
नारी नर की संगिनी, देती है संतुष्टि
वह ही तो परिवार की, होती पूरी पुष्टि
होती पूरी पुष्टि, पालती है संतति को
रखती है अविराम, घरेलू हर गति-मति को
तन में होता लोच, सोच में होती भारी
होता सुख-विस्तार, सुखी यदि होती नारी

4--
नारी है गतिशील तो, है गतिशील समाज
उस पर ही निर्भर सदा, घर की पूरी लाज
घर की पूरी लाज, निभाती है नातों को 
रहती है चुपचाप, सहन कर आघातों को
चाहे थोड़ा प्यार, बनाओ उसे दुलारी
यदि चाहो सम्मान, करो सम्मानित नारी


   डॉ० रामप्रकाश 'पथिक'
       कासगंज ( उ.प्र.)

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