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टीम वर्क,  क्या अकेले अपने भीतर की सारी संभावनाओं को विकसित किया जा सकता है ?

टीम वर्क, क्या अकेले अपने भीतर की सारी संभावनाओं को विकसित किया जा सकता है ?


क्या अकेले अपने भीतर की सारी संभावनाओं को विकसित किया जा सकता है ?

सफलता पाने की कुंजी

एक बिजनेसमैन था, जिसकी गाड़ी हाईवे पर एक बड़े से खड्डे में फँस गई। 

जैसे तैसे करके वह खुद तो खड्डे से बाहर आ गया लेकिन गाड़ी निकालने के लिए जब आसपास मदद के लिए देखने लगा तो वहाँ दूर-दूर तक कोई नहीं था। 

फिर थोड़ी देर बाद उसे वहाँ एक किसान दिखा। उसने उस किसान को अपनी तकलीफ बताई। 

किसान बोला, "आप चिंता ना करें। मेरा जो बैल है, वह आपकी गाड़ी इस खड्डे से बाहर निकाल देगा।" 

फिर वह किसान अपने बैल "जगन" के पास गया। उसने जगन और गाड़ी के बीच में एक रस्सी बांधी। 

फिर उसने जोर-जोर से चिल्लाना शुरू किया, "ओ बंधु; निकालना है इसे बाहर, ओ कान्हा; अब तुम ही हो तारणहार, अरे भोले; तुम्हारे सिवा तो यह कोई कर ही नहीं सकता, ओ जगन; लगा दे अपना सारा जोर।"

ऐसे ही वह खूब सारे नाम चिल्लाता रहा और देखा तो कुछ ही देर में उसके बैल जगन ने गाड़ी को पूरी तरह से खड्डे से बाहर निकाल दिया।

यह देखकर बिजनेसमैन बड़ा ही खुश हो गया। बिजनेसमैन किसान के हाथ पैर जोड़ने लगा और उसे धन्यवाद कहने लगा। 

फिर उसने किसान से कहा कि, "मेरे दिमाग में एक प्रश्न आ रहा है। क्या मैं आपसे पूछ सकता हूँ, आप बुरा तो नहीं मानोगे? 

फिर उसने पूछा कि, "आप यह इतने सारे नाम क्यों बोल रहे थे, जबकि आपने कहा था कि आपके बैल का नाम तो जगन है। फिर यह बंधू, कान्हा और भोले कौन थे?" 

किसान ने हँसते मुस्कुराते हुए कहा कि, "साहब, यह हमें पता है और आपको पता है कि इस गाड़ी को खींचने वाला जगन अकेला था लेकिन जगन को कहाँ पता था कि वह अकेला है। 

जगन काफी बूढ़ा है और अंधा भी है। वह अपनी आँखों से देख नहीं सकता। इतने सारे नाम बोलने की वजह से उसे लग रहा था कि वह एक समूह में काम कर रहा है और जब समूह में वह काम करता है तो उसे कोई भी काम सौंप दो, वह उस काम में अपनी पूरी ताकत लगा देता है।"

हमारे साथ भी तो ऐसा ही होता है। जब हम टीम में काम करते हैं तो हमें लगता है कि औरों की परिस्थिति भी हमारे जैसी ही है और हम फिर उस परिस्थिति में बहुत सुविधाजनक हो जाते हैं। 

यह जानकर कि सभी एक ही परिस्थिति से गुजर रहे हैं तो हमारे दिल को तसल्ली होती है और उस समय साथ मिलकर काम करने से हमारे अंदर जोश दुगुना हो जाता है। इसीलिए तो कहते हैं कि टीम का फुल फॉर्म है -

"Together Everyone Achieves More."

टीम के मायने समझे तो, साथ आना शुरुआत कहलाती है, साथ चलना यह प्रगति की ओर अग्रसर होना होता है और साथ रहकर निरंतर बिना थके काम करना, यह होती है सफलता। 

क्या हम सब एक विचार ले सकते हैं कि यह पूरा संसार ही एक टीम है, "सृष्टि रचयिता की टीम?"

“मिलजुल कर काम करने से मिलने वाले आनंद से हमारी चेतना का विस्तार होता है।”

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