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 एक नजर: नई शिक्षा नीति २०२० New education policy 2022

एक नजर: नई शिक्षा नीति २०२० New education policy 2022

 एक नजर: नई शिक्षा नीति २०२०


शिक्षक दिवस पर अभिभावकों और शिक्षार्थियों को यह अवगत कराना जरूरी है कि राष्ट्र की नई शिक्षा नीति के उद्देश्य एवं संकल्प क्या हैं.  इसके संभावित प्रभावों के सकारात्मक एवं नकारात्मकत पक्षों की जानकारी दी जानी चाहिए. सीधे उन्हें नीतियों को थोप देना भी आज के समय में ठीक नहीं है.

नई शिक्षा नीति देश को पूरे शिक्षा जगत को किस रास्ते ले जाएगा.हम राष्ट्र को विश्वगुरु बनने के सपने पाले अग्रसर हैं. वैश्विक प्रमुखता के शिखर पर पहुंचने में किस हद तक हमें ये नीति सहायक होती है यह तो आने वाले वक्त में ही पता चल पाएगा.

हालांकि हाल के दशक में राजनीतिक, सामाजिक और शैक्षिक मूल्यों में काफी गिरावट आई है इसे नकारा नहीं जा सकता।इसका मूल कारण भारत के साथ ही वैश्विक स्तर पर शैक्षिक मूल्यों में तेजी से ह्रास माना जा रहा है.

नई श‍िक्षा नीति को सरकार द्वारा जुलाई २०२०में ही मंजूरी दे दी गई है. एक सरकारी वक्तव्य के अनुसार ये श‍िक्षा जगत में पूरी तरह से आमुल-चुल बदलाव लाने के लिए लाई गई है.

नई शिक्षा नीति: स्कूली शिक्षा में 10+2 को समाप्त कर 5+3+3+4 की नई व्यवस्था जल्दी ही लागू की जा रही है.

सरकार द्वारा इसे मंजूरी देने के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है. नई शिक्षा नीति में 10+2 के फार्मेट को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है, इसे ऐसे समझें.

अब इसे 10+2 से बांटकर 5+3+3+4 फार्मेट में ढाला गया है. इसका मतलब है कि अब स्कूल के पहले पांच साल में प्री-प्राइमरी स्कूल के तीन साल और कक्षा 1 और कक्षा 2 सहित फाउंडेशन स्टेज शामिल होंगे. फिर अगले तीन साल को कक्षा 3 से 5 की तैयारी के चरण में विभाजित किया गया है.

इसके बाद में तीन साल मध्य चरण (कक्षा 6 से 8) और माध्यमिक अवस्था के चार वर्ष (कक्षा 9 से 12). इसके अलावा स्कूलों में कला, वाणिज्य, विज्ञान स्ट्रीम का कोई कठोर पालन नहीं होगा, छात्र अब जो भी पाठ्यक्रम चाहें, वो ले सकते हैं.

          

नई श‍िक्षा नीति के कुछ खास बिंदु

-शिक्षकों के साथ-साथ अभिभावकों को भी जागरूक करने पर जोर.

-प्रत्येक छात्र की क्षमताओं को बढ़ावा देना प्राथमिकता होगी.

-वैचारिक समझ पर जोर होगा, रचनात्मकता और महत्वपूर्ण सोच को बढ़ावा मिलेगा.

-छात्रों के लिए कला और विज्ञान के बीच कोई कठिनाई, अलगाव नहीं होगा.

-नैतिकता, संवैधानिक मूल्य पाठ्यक्रम का प्रमुख हिस्सा होंंगी.

नई शिक्षा नीति के कुछ अन्य महत्वपूर्ण पहलू

-2040 तक सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को मल्टी सब्जेक्ट इंस्टिट्यूशन बनाना होगा जिसमें 3000 से अधिक छात्र होंगे.

-2030 तक हर जिले में या उसके पास कम से कम एक बड़ा मल्टी सब्जेक्ट हाई इंस्टिट्यूशन होगा.

अहम बदलाव

- नई शिक्षा नीति के तहत अब 5वीं तक के छात्रों को मातृ भाषा, स्थानीय भाषा और राष्ट्र भाषा में ही पढ़ाया जाएगा.

- बाकी विषय चाहे वो अंग्रेजी ही क्यों न हो, एक सब्जेक्ट के तौर पर पढ़ाया जाएगा

- 9वींं से 12वींं क्लास तक सेमेस्टर में परीक्षा होगी. स्कूली शिक्षा को 5+3+3+4 फॉर्मूले के तहत पढ़ाया जाएगा

-वहीं कॉलेज की डिग्री 3 और 4 साल की होगी. यानि कि ग्रेजुएशन के पहले साल पर सर्टिफिकेट, दूसरे साल पर डिप्‍लोमा, तीसरे साल में डिग्री मिलेगी. 

- 3 साल की डिग्री उन छात्रों के लिए है जिन्हें हायर एजुकेशन नहीं लेना है. वहीं हायर एजुकेशन करने वाले छात्रों को 4 साल की डिग्री करनी होगी. 4 साल की डिग्री करने वाले स्‍टूडेंट्स एक साल में  MA कर सकेंगे. 

- अब स्‍टूडेंट्स को  MPhil नहीं करना होगा. बल्कि MA के छात्र अब सीधे PHD कर सकेंगे.

👉 नई शिक्षा नीति:एक नज़र

1) SSRA (State School Regulatory Authority) बनेगी जिसके चीफ शिक्षा विभाग से जुड़े होंगे.

2) 4 ईयर इंटेग्रेटेड बीएड, 2 ईयर बीएड or 1 ईयर B Ed course चलेंगें.

3) ECCE (Early Childhood Care and Education) के अंतर्गत प्री प्राइमरी शिक्षा आंगनबाड़ी ओर स्कूलों के माध्यम से.

4) सेकेंडरी स्तर तक TET लागू होगा.

5) शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से हटाया जाएगा, सिर्फ चुनाव ड्यूटी लगेगी, BLO ड्यूटी से शिक्षक हटेंगे, MDM से भी शिक्षक हटेंगे.

6) स्कूलों में एसएमसी/एसडीएमसी के साथ SCMC यानी स्कूल कॉम्प्लेक्स मैनेजमेंट कमेटी बनाई जाएगी.

7) शिक्षक नियुक्ति में डेमो/स्किल टेस्ट और इंटरव्यू भी शामिल होंगे.

8) नई ट्रांसफर पॉलिसी आयेगी जिसमें ट्रांसफर लगभग बन्द हो जाएंगे, ट्रांसफर सिर्फ पदोन्नति पर ही होंगे.

9) केंद्रीय विद्यालयों के तर्ज पर ग्रामीण इलाकों में स्टाफ क्वार्टर बनाए जाएंगे.

10) RTE को कक्षा 12 तक या 18 वर्ष की आयु तक लागू किया जाएगा.

11) मिड डे मील के साथ हैल्थी ब्रेकफास्ट भी स्कूलों में दिया जाएगा.

12) Three language based स्कूली शिक्षा होगी.

13) Foreign language course भी स्कूलों में शुरू होंगे.

14) विज्ञान ओर गणित को बढ़ावा दिया जाएगा, हर सीनियर सैकंडरी स्कूल में विज्ञान और गणित विषय अनिवार्य होंगे.

15) स्थानीय भाषा भी शिक्षा का माध्यम होगी.

16) एनसीईआरटी पूरे देश में नोडल एजेंसी का काम करेगी.

17) स्कूलों में राजनीति व सरकार का हस्तक्षेप लगभग समाप्त हो जाएगा.

18) क्रेडिट बेस्ड सिस्टम होगा जिससे कॉलेज बदलना आसान और सरल होगा बीच मे कोई भी कॉलेज बदला जा सकता है.

19) नई शिक्षा नीति में सिर्फ बीएड इण्टर के बाद 4 वर्षीय बीएड, स्नातक के बाद 2 वर्ष बीएड, परास्नातक के बाद 1 वर्ष का बीएड कोर्स होगा.

           उपरोक्त बिंदुओं के आधार पर यह सुनिश्चित करना सही नहीं होगा कि राष्ट्र के अन्य सरकारी संस्थानों की तरह सरकारी विद्यालयों को भी निजी हाथों में सौंपने का प्रयोग किया जाएगा कि नहीं ,यह भविष्य के गर्भ में है.हालांकि हाल ही में शिक्षा के क्षेत्र में हरियाणा सरकार की अनुदानित पहल निजी विद्यालयों के नामांकन पर प्रोत्साहन राशि तथा सरकारी विद्यालयों में नामांकन हेतु फी भुगतान का फरमान सरकारी विद्यालयों के निजीकरण को प्रोत्साहित करती हुई दिखाई देती है.

           बहुत कुछ सरकारी पहल और सरकार की मंसा पर भी निर्भर करता है.चूकि नई शिक्षा नीति २०२० लागू करने में वित्तीय अभाव और प्रशासनिक अकुशलता एक बहुत बड़ा कारण होता है.

           

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